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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
  • सुरीला राजस्थान निबंध – (Folklore Of Rajasthan Essay)
  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
  • रंगीला राजस्थान पर निबंध – (Rangila Rajasthan Essay)
  • राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – (Competition Of Rajasthani Folk Essay)
  • मानसिक सुख और सन्तोष निबंध – (Happiness Essay)
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
  • राजस्थान में पर्यटन पर निबंध – (Tourist Places Of Rajasthan Essay)
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – (Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay)
  • राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – (The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay)
  • देशप्रेम पर निबंध – (Patriotism Essay)
  • पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध – (Read Daughters, Grow Daughters Essay)
  • सत्संगति का महत्व पर निबंध – (Satsangati Ka Mahatva Nibandh)
  • सिनेमा और समाज पर निबंध – (Cinema And Society Essay)
  • विपत्ति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत पर निबंध – (Vipatti Kasauti Je Kase Soi Sache Meet Essay)
  • लड़का लड़की एक समान पर निबंध – (Ladka Ladki Ek Saman Essay)
  • विज्ञापन के प्रभाव – (Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay)
  • रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध – (Railway Platform Ka Drishya Essay)
  • समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध – (Importance Of Newspaper Essay)
  • समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध – (Samachar Patr Ke Labh Essay)
  • समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
  • व्यायाम का महत्व निबंध – (Importance Of Exercise Essay)
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध – (Student Life Essay)
  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध – (Students And Politics Essay)
  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – (Vidyarthi Aur Anushasan Essay)
  • मेरा प्रिय त्यौहार निबंध – (My Favorite Festival Essay)
  • मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favourite Book Essay)
  • पुस्तक मेला पर निबंध – (Book Fair Essay)
  • मेरा प्रिय खिलाड़ी निबंध हिंदी में – (My Favorite Player Essay)
  • सर्वधर्म समभाव निबंध – (All Religions Are Equal Essay)
  • शिक्षा में खेलकूद का स्थान निबंध – (Shiksha Mein Khel Ka Mahatva Essay)a
  • खेल का महत्व पर निबंध – (Importance Of Sports Essay)
  • क्रिकेट पर निबंध – (Cricket Essay)
  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
  • अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay)
  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – My Aim In Life Essay

My Aim In Life Essay

हर किसी के जीवन के लक्ष्य अलग-अलग होते हैं, कोई किसी क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहता है तो कोई किसी क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाना चाहता है और नाम कमाना चाहता है, अर्थात लक्ष्य के द्धारा ही व्यक्ति एक सुखी जीवन का आनंद ले सकता है।

वहीं लक्ष्य एक अतिमहत्वपूर्ण विषय है, जिस पर कई बार स्कूलों में आयोजित निबंध प्रतियोगिता में अथवा क्लास में बच्चों को “मेरे जीवन का लक्ष्य” पर निबंध (My Aim In Life Essay) लिखने के लिए कहा जाता है, इसलिए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में ‘मेरे जीवन का लक्ष्य’ पर अलग-अलग शब्दों में निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जो कि इस प्रकार है –

My Aim In Life Essay

“मेरे जीवन का लक्ष्य” पर निबंध नंबर – My Aim In Life Essay

जाहिर है कि इस दुनिया में हर व्यक्ति की सोच और उसका लक्ष्य अलग होता है। कोई एक आदर्श शिक्षक बनकर शिक्षित समाज का निर्माण कर देश का कल्याण करना चाहता है, तो कोई इंजीनियर बनकर बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी करना चाहता है, तो कोई समाजसेवी बनकर समाज में फैली कुरोतियों को दूर करना चाहता है और जरूरतमंदों और असहायों की मद्द करना चाहता है।

सभी अपने सामर्थ्य और क्षमता के मुताबिक ही अपने-अपने लक्ष्यों का निर्धारण करते हैं, वैसे ही मैं जब भी किसी रोगी को दर्द से कराहता देखता हूं, या फिर जब किसी अस्वस्थ व्यक्ति की पीड़ा समझने की कोशिश करता हूं, तो अक्सर मेरे दिल और दिमाग में यही ख्याल आता है कि काश मै डॉक्टर होता तो इसकी मद्द कर पाता।

इसलिए मैने यह संकल्प लिया है कि मै डॉक्टर बनने के लिए पूरा प्रयास करूंगा और अपनी क्षमता शक्ति से अधिक मेहनत करूंगा ताकि मै एक सफल डॉक्टर बन सकूं।

आपको बता दूं कि मेरा अन्य लोगों की तरह डॉक्टर बनकर सिर्फ नोट छापने का कोई उद्देश्य नहीं है, बल्कि मैं डॉक्टर बनकर गंभीर रोगों से लड़ रहे गरीब और असहाय लोगों के काम आना चाहता हूं और एक स्वस्थ भारत के निर्माण में अपना सहयोग देना चाहता हूं।

वहीं कई लोग पैसे के अभाव में और कुछ मजबूरियों के चलते डॉक्टर की डिग्री हासिल नहीं कर सकते, लेकिन मैं अक्सर यही सोचता हूं कि अगर मै डॉक्टर बनने का निश्चय किया है तो किसी भी हालत में अपने लक्ष्य को पाकर ही रहूंगा और रोगों से लड़ रहे लोगों के जीवन को सुरक्षित बनाऊंगा, इसके साथ ही पीडि़त लोगों को उनके रोगों को दूर भगाने के लिए सही सलाह दूंगा। साथ ही उन्हें यह भी बताऊंगा कि वे कैसे स्वस्थ जीवन जीएं।

उपसंहार –

जाहिर है कि ज्यादातर लोग अपने जीवन में बड़े-बड़े सपने देखते हैं और लक्ष्यों का निर्धारण करते हैं, लेकिन कुछ चुनिंदा लोग ही ऐसे होते हैं, जो अपने लक्ष्यों को पाने के लिए निरंतर कोशिश करते हैं, ऐसे लोग ही अपने लक्ष्यों का आसानी से हासिल कर लेते हैं।

इसलिए हमें अपने जीवन के लक्ष्यों का निर्धारण करना चाहिए साथ ही इसे पाने के लिए निरंतर कोशिश भी करते रहना चाहिए। तभी हमारा जीवन सार्थक हो सकेगा।

Essay on Mere Jeevan ka Lakshya in Hindi

लक्ष्य को रखने वाला मनुष्य ही अपने जीवन में सही रास्ते पर चल सकता है और अपने परिवार और देश के विकास में सहयोग कर सकता है, वहीं लक्ष्यविहीन मनुष्य उस गेंदबाज की तरह होते हैं, जो गेंद तो फेंकते हैं लेकिन उसने सामने विकेट नहीं होते।

ऐसे मनुष्य को न तो समाज में कोई दर्जा मिलता है और न ही वह अपने जीवन में कभी आगे बढ़ सकता है, इसलिए हर किसी को अपने जीवन में लक्ष्यों का निर्धारण करना चाहिए। वैसे ही मैं भी अक्सर एक शिक्षक बनने के बारे में सोचता हूं, और एक आदर्श शिक्षक बनना ही मेरे जीवन का लक्ष्य है-

मेरे जीवन का लक्ष्य –

मेरे जीवन का लक्ष्य एक शिक्षक बनना है – जाहिर है कि एक शिक्षक, समाज और देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और विद्यार्थियों का सही मार्गदर्शन कर उसे अपने जीवन के लक्ष्यों को हासिल करने के काबिल बनाता है।

इसके साथ ही शिक्षक, शिष्य के अंदर सोचने-समझने की शक्ति विकसित करते हैं, और उन्हें अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं, वहीं आज मै भी अपने टीचर की बदौलत ही इस काबिल बन पाया हूं कि अपने जीवन के लक्ष्यों का निर्धारण कर सकूं।

वहीं हो सकता है कि कुछ लोग मेरे शिक्षक बनने के इस लक्ष्य को छोटा समझें लेकिन अगर मुझे एक आदर्श शिक्षक बनने का मौका मिला तो यह मेरे लिए बहुत गर्व और सम्मान की बात होगी, क्योंकि मैं शिक्षक बनकर कई छात्रों का सही मार्गदर्शन कर उनके भविष्य को संवारना चाहता हूं, और विकसित राष्ट्र की नींव रखना चाहता हूं।

क्योंकि एक शिक्षक बनकर ही समाज और राष्ट्र के हित के लिए काम किया जा सकता है, शिक्षक, समाज को एक नई दिशा देता है, और विद्यार्थियों को एक नया जीवन प्रदान करता है, इसलिए शिक्षक को भगवान से ऊंचा दर्जा दिया गया है, वहीं इस संदर्भ में कबीर जी का यह दोहा भी काफी प्रसिद्ध है –

गुरु गोबिन्द दोनों खड़े, काके लागू पाय बलिहारी, गुरु आपने, जिन गोबिन्द दियो बताय॥

इसके अलावा भी कई महान कवियों और महान पुरुषों ने शिक्षकों के महत्व को अपने विचारों के माध्यम से व्यक्त किया है। जिसके बारे में गंभीरता से सोचते हुए मैने भी शिक्षक बनने का प्रण लिया है।

एक आदर्श शिक्षक बनने के लिए मै निरंतर प्रयासरत रहता हूं और मैं इसके लिए हिन्दी विषय से पीएचडी की पढ़ाई भी करना चाहता हूं, मै छात्रों को हिन्दी विषय के पूरी जानकारी देना चाहता हूं और मैं इसके हिन्दी साहित्य से लेकर व्याकरण तक का ज्ञान देना चाहता हूं।

इसके साथ ही छात्र-छात्राओं को उनके कर्तव्यों का बोध करवाना चाहता हूं। और एक आदर्श शिक्षक बनकर समाज में अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहता हूं।

वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं कि शिक्षक बनकर सिर्फ चंद पैसे कमाना चाहते हैं, और विद्यार्थियों का सही मार्गदर्शन नहीं करते हैं, मैं इस तरह का शिक्षक बिल्कुल भी नहीं बनना चाहता हूं।

आपको बता दूं कि मेरे जीवन का लक्ष्य एक ऐसा शिक्षक बनना है, जो देश और समाज के कल्याण में काम आ सके और विद्यार्थियों के भविष्य को सुनहरा बना सके।

उपसंहार

शिक्षक को समाज में सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है, क्योंकि शिक्षक ही किसी भी व्यक्ति का उसके जीवन के लक्ष्यों को हासिल करने में मद्द करता है, और उसके अंदर सामाजिक, मानसिक, आध्यात्मिक ज्ञान देता है। इसलिए मेरे जीवन का लक्ष्य एक आदर्श शिक्षक बनना है।

  • How to achieve goals

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मेरे जीवन का यादगार दिन | A Memorable Day of My Life in Hindi

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मेरे जीवन का यादगार दिन |  A Memorable Day of My Life in Hindi!

हमारे जीवन में कुछ ऐसे दिन आते हैं जो कई दृष्टि से महत्त्वपूर्ण होते हैं । ऐसे कुछ दिन याद रखने योग्य होते हैं । इन्हें भूल पाना कठिन होता है क्योंकि ये दिन हमारे मन-मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव छोड़ जाते हैं ।

ये यादगार दिन अच्छे या बुरे किसी भी प्रकार के हो सकते हैं । अंतर इतना ही है कि अच्छे दिनों को हम बार-बार याद करते हैं तथा बुरे दिनों को हम भुलाना चाहते हैं । मुझे याद आता है वह दिन जब मुझे बड़े भाई ने सूचना दी कि तुम्हारा चयन कबड्डी की राज्य स्तरीय टीम में हो गया है ।

मैं तो खुशी से झूम उठा । भाई ने शाबाशी दी । माता-पिता ने आशीर्वाद दिया । इन सभी ने मेरे सफल खेल जीवन की कामना की । मेरे मित्रों ने टेलीफोन पर मुझे बधाई दी । इस घटना का दूसरा पड़ाव था सभी चयनित खिलाड़ियों का राजधानी भोपाल में सम्मिलन । मध्य प्रदेश राज्य के जूनियर टीम के खिलाड़ी भोपाल में मिले । हमें एक अतिथि गृह में ठहराया गया ।

वहाँ हमारे साथ कबड्डी टीम के प्रशिक्षक एवं मैनेजर भी थे । प्रशिक्षक के नेतृत्व में हमने एक सप्ताह तक कड़ा अभ्यास किया । हमें प्रतिदिन प्रात: चार बजे उठकर साढ़े चार बजे योगाभ्यास करना होता था । कुछ देर बाद व्यायाम कराया जाता है । फिर हमारा नाश्ता होता था । नाश्ते के बाद खिलाड़ियों को कबड्डी खेल के गुर सिखाए जाते थे । हमने जमकर अभ्यास किया ।

अभ्यास सत्र खत्म होने के पश्चात् हम लोग जूनियर कबट्टी खिलाड़ियों की राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए चंडीगढ़ पहुँचे । यहाँ हम एक होटल में ठहरे । इस होटल में देश के विभिन्न प्रांतों की कुछ अन्य टीमें भी ठहरी हुई थीं । लीग मैच में हमारी पहली प्रतिद्वंद्वी टीम झारखंड की थी जिसे हमने शानदार अंतर से पराजित किया ।

हमारा दूसरा मुकाबला उत्तर प्रदेश की टीम से था । उत्तर प्रदेश की कबड्डी टीम के साथ हमारा काँटे का मुकाबला हुआ और मैच बराबरी पर छूटा । तीसरा मुकाबला गोवा की टीम से हुआ जिसे हराने में हमें कोई परेशानी नहीं हुई ।

ADVERTISEMENTS:

आखिरकार हमारी टीम सेमी फाइनल में पहुँची । सेमी फाइनल में हमारी भिड़ंत शक्तिशाली हरियाणा की टीम से हुई । हमारी टीम ने यह मोर्चा भी जीत लिया परंतु फाइनल में हमारी टीम मणिपुर की कबड्डी टीम से मामूली अंतर से हार गई ।

फाइनल में हार के बावजूद वापस भोपाल पहुँचने पर हमारा जोरदार स्वागत किया गया । मुख्यमंत्री महोदय में हमारी टीम के सभी खिलाड़ियों को नाश्ते पर बुलाया । हमने उनसे बातें कीं । उन्होंने जोशीले अंदाज में हमारा उत्साह बढ़ाया ।

परंतु मेरे लिए सबसे सुखद क्षण वह था जब मुझे राज्य के सर्वश्रेष्ठ कबड्डी खिलाड़ी का सम्मान दिया गया । मुख्यमंत्री महोदय ने मुझे प्रशस्ति-पत्र मैडल और दस हजार रुपए नकद पुरस्कार प्रदान किए । सम्मान प्राप्त कर मैं फूला न समा रहा था । यह दिन मेरे जीवन का सबसे यादगार दिन बन गया ।

लौटकर घर आने पर पिताजी ने मुझे गले से लगा लिया । मेरा पूरा परिवार सगे-संबंधी मित्र सभी मेरे व्यक्तिगत प्रदर्शन पर बहुत खुश थे । विद्यालय के प्रधानाचार्य ने मेरे प्रदर्शन पर मुझे शाबाशी दी अध्यापकों की ओर से भी काफी सराहना मिली ।

मेरे घर वालों ने इस खुशी में एक चाय पार्टी दी । मैं इस यादगार दिन की महत्ता समझता हूँ । मुझे पूरे देश की सीनियर टीम में स्थान पाने के लिए अभी लंबा संघर्ष करना पड़ेगा ।

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विद्यार्थी जीवन पर निबंध – Essay on Student Life in Hindi

Essay on Student Life in Hindi : आज हम विद्यार्थी जीवन पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 & 10 के विद्यार्थियों के लिए है.

वर्तमान की भागदौड़ भरी जिंदगी में विद्यार्थियों का जीवन कहीं भटक सा रहा है इसीलिए विद्यार्थियों को उनके जीवन के बारे में समझाने के लिए हमने यह निबंध लिखा है.

जो विद्यार्थी इस निबंध को पढता है वह भली-भांति समझ जाएगा कि उसका यह समय कितना महत्वपूर्ण है.

इस समय विद्यार्थियों का मस्तिष्क इतना चंचल होता है कि वह कुछ भी कर सकते है इसलिए अभिभावकों को भी अपने बच्चों को समय देना चाहिए.

Essay on Student Life in Hindi

Get Some Essay on Student Life in Hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 and 10 Students.

Best Essay on Student Life in Hindi 100 Words

विद्यार्थी जीवन किसी भी व्यक्ति के जीवन का अहम और प्रथम पड़ाव होता है इस समय बच्चों का शारीरिक और बौद्धिक विकास होता है. इस समय विद्यार्थी एक कच्चे घड़े के समान होता है जिसको ठोक-पीटकर, सहलाकर किसी भी आकार में ढाला जा सकता है.

इस समय विद्यार्थी को उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है वह उसे विद्यालय में शिक्षकों द्वारा प्राप्त होता है. यही वह समय होता है जब विद्यार्थी को अच्छा-बुरा, सम्मान-असम्मान, गुण-अवगुण इत्यादि का ज्ञान होना प्रारंभ होता है.

इस समय जो विद्यार्थी लगन और मेहनत करके अच्छी शिक्षा हासिल कर लेते है वही आगे आने वाले जीवन में खुशहाल रहते है और एक अच्छे व्यक्तित्व की मिसाल बनते है.

Vidyarthi Jeevan Essay in Hindi 300 Words

मनुष्य के लिए विद्यार्थी जीवन अति महत्वपूर्ण होता है विद्यार्थी जीवन बाल्यकाल से ही प्रारंभ हो जाता है. विद्यार्थी जीवन किसी मकान की नींव की तरह होता है.

अगर किसी मकान की नींव कमजोर होती है तो उस पर बनाई गई मंजिल ढह जाएगी उसी प्रकार मनुष्य अगर अपने विद्यार्थी जीवन का उपयोग सही से नहीं करता है तो उसका पूरा जीवन व्यर्थ हो जाता है.

जीवन के इस काल में विद्यार्थी को समय का सदुपयोग करना आना चाहिए, विद्यार्थी जीवन से ही व्यक्ति का चरित्र निर्माण होने लग जाता है, उसे अच्छे-बुरे का एहसास होने लगता है हालांकि विद्यार्थी जीवन में व्यक्ति का मन बहुत चंचल होता है इसलिए वह सब कुछ करना चाहता है.

इस समय उसके ज्ञान की पिपासा सबसे ऊंच स्तर पर होती है इस ज्ञान की पिपासा को शांत करने के लिए एक गुरु की आवश्यकता होती है वह गुरु जो उसे सही मार्गदर्शन देकर जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव के बारे में बताएं अपनों से बड़ों का सम्मान करना सिखाए, से सभी भाषाओं का ज्ञान दें.

वर्तमान में विद्यार्थियों की गुरु की तलाश विद्यालय में जाकर पूरी होती है वहां पर अलग-अलग विषयों पर पारंगत शिक्षक गण मिलते है जो कि उन्हें ज्ञान देते है. इस समय विद्यार्थियों को भी संपूर्ण ध्यान एकाग्र करके ज्ञान प्राप्त करना होता है अगर वह इसमें किसी भी प्रकार की चूक करते हैं तो इसका मूल्य उन्हें भविष्य में देना पड़ता है.

विद्यार्थियों को पढ़ाई के अलावा अपने स्वास्थ्य के ऊपर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि अगर उनका स्वास्थ्य अच्छा नहीं होगा तो वह पढ़ाई नहीं कर पाएंगे इसलिए हमेशा विद्यालय में होने वाले खेल कूद प्रतियोगिताओं में उन्हें भाग लेते रहना चाहिए.

विद्यार्थियों के सामने संपूर्ण भविष्य बाहें फैलाए खड़ा रहता है उन्हें प्रत्येक क्षेत्र की जानकारी लेनी चाहिए और जिस क्षेत्र में उनकी रुचि अधिक हो उसमें ध्यान देना चाहिए.

यही उनके जीवन का सबसे उत्तम समय होता है जब वह अपने आप में हर प्रकार की क्षमता का विकास कर सकते है इसलिए विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थियों को हमेशा सचेत और एकाग्र होकर व्यतीत करना चाहिए जिससे भविष्य में आने वाली कठिनाइयों को आसानी से सुलझा सकें.

Latest Essay on Student Life in Hindi 800 Words

विद्यार्थी जीवन खुशहाल भविष्य की ओर पहला कदम होता है. यह वह स्वर्णिम अवसर होता है जो कि जीवन में दोबारा कभी नहीं मिलता है.

यह मनुष्य के लिए ईश्वर का दिया गया सबसे अनमोल उपहार है जिसको अगर कोई व्यर्थ कर देता है तो उसका पूरा जीवन नष्ट भ्रष्ट हो जाता है.

विद्यार्थी जीवन मनुष्य के बाल्यकाल से ही प्रारंभ हो जाता है . बाल्यावस्था में मनुष्य का मन बहुत चंचल होता है उसमें किसी प्रकार का विकार तो नहीं होता लेकिन समाज के अराजक के लोगों द्वारा भटकाया जा सकता है.

इसीलिए विद्यार्थी को इस समय उत्तम शिक्षा और श्रेष्ठ शिक्षक की आवश्यकता होती है. पुरातन काल में माता-पिता अपने बच्चों को गुरुकुल भेज दिया करते थे जहां पर गुरु द्वारा उन्हें अच्छी शिक्षा दी जाती थी साथ ही बच्चों को अनुशासन में रहना और बड़ों का सम्मान करना भी सिखाया जाता था.

गुरु अपने आश्रम में कई सालों तक अपने शिष्यों की परीक्षा लेते थे और उन्हें विद्वानों और पराक्रमी बनाकर ही भेजते थे किंतु वर्तमान में गुरुकुल प्रथा खत्म हो गई है और उनकी जगह विद्यालय और कॉलेजों ने ले ली है यहां पर भी उसी प्रकार वर्तमान शिक्षा प्रणाली के अनुसार शिक्षा दी जाती है.

विद्यार्थियों के लिए विद्यालय की इस संसार में पहला कदम होता है. विद्यार्थी जीवन का यह कार्य ज्ञान अर्जित करने का सबसे अच्छा समय है क्योंकि इस समय विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की चिंता नहीं होती है साथ ही उनका मस्तिष्क पूरी तरह से ज्ञान अर्जित करने के लिए उत्सुक होता है.

मनुष्य का विद्यार्थी जीवन ही तय करता है कि भविष्य में वह कैसा इंसान बनेगा इसलिए विद्यार्थियों को हमेशा अपने समय का सदुपयोग करना चाहिए और हमेशा अपने शिक्षक के सुझाए गए मार्ग पर चलना चाहिए.

यह वह समय है जब विद्यार्थी कठोर परिश्रम करके शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होता है इस समय जो विद्यार्थी मन लगाकर ज्ञान अर्जित नहीं करता वह धीरे-धीरे अपने साथियों से पिछड़ जाता है

और कुछ समय बाद वह इसी पिछड़ेपन के कारण कई गलत कामों का शिकार हो जाता है जिस कारण उसका पूरा भविष्य चौपट हो जाता है.

इस काल में विद्यार्थियों को भटकाने के लिए कई प्रकार की बाधाएं आती है वर्तमान में तो यह बताएं मनुष्य ने ही उत्पन्न की है जैसे मोबाइल, कंप्यूटर, टेलीविजन और अन्य प्रकार की भ्रामक वस्तुएं जोकि विद्यार्थी को अपनी ओर खींचती है.

इनके कारण कई विद्यार्थियों का भविष्य खराब हो चुका है लेकिन जो विद्यार्थी इन सब को चुनौती के रूप में लेकर आगे बढ़ता है उसी का भविष्य निखरता है.

इस स्वर्णिम काल में विद्यार्थी को अपने शिक्षक के दिशा निर्देश अनुसार पढ़ना चाहिए, माता-पिता द्वारा सुझाए गए सुझावो पर ध्यान देना चाहिए, अपने से बड़ों का सम्मान करना चाहिए

साथ ही अपने साथियों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए और कभी भी किसी से झूठ नहीं बोलना चाहिए क्योंकि जो एक बार झूठ बोल देता है फिर वह जीवन भर झूठ बोलता रहता है इसके कारण उसका पूरा भविष्य संकट में पड़ सकता है.

जो विद्यार्थी इस समय केवल मौज मस्ती और व्यर्थ के कार्यों में अपना मन लगाता है तो उसका विद्यार्थी जीवन तो माता पिता की शरण में अच्छा बीत जाता है लेकिन जब उसका जीवन के यथार्थ से सामना होता है तो ऐसा विद्यार्थी स्वंय को अयोग्य मानता है.

मनुष्य को अगर जीवन में सफल होना है तो उसे किसी ना किसी क्षेत्र में पारंगत होना जरूरी होता है और मनुष्य पारंगत तभी हो सकता है जब वह विद्यार्थी जीवन में अच्छी शिक्षा प्राप्त करें.

वर्तमान में तो योग्य व्यक्तियों को भी अपना जीवन चलाने के लिए बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है इसलिए जो अयोग्य है वो इस प्रतियोगिता भरी दुनिया में कुछ नहीं कर सकता है.

कुछ विद्यार्थी इस समय मेहनत तो करते है लेकिन थोड़ी सी कठिनाई आने पर ही वह अभ्यास करना छोड़ देते है दो कि उनके भविष्य के लिए अच्छा नहीं होता है विद्यार्थी जीवन का तो मतलब यह होता है कि निरंतर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते जाना और कठिनाइयों को चुनौतियां समझते हुए उनका निराकरण करना चाहिए.

इस समय उम्र में इतना जोश होता है कि वह मुश्किल से मुश्किल कार्य को चुटकियों में कर सकते हैं इस समय उनके पास गुरु होता है जो कि उन्हें सफलता के मार्ग में आने वाली कठिनाइयों को सुलझाने में मदद करता है.

विद्यार्थी जीवन के बाद तो कई प्रकार की घरेलू और सामाजिक समस्याओं का बोझ मनुष्य पर आ जाता है फिर वह चाहकर भी शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकता और अपना उत्तम भविष्य नहीं बना सकता है.

इसीलिए विद्यार्थी को मन को भटकाने वाली सभी वस्तुओं और जिज्ञासाओं से दूर रहना चाहिए जो विद्यार्थी इस समय मन लगाकर मेहनत कर लेता है वह अपना बाकी का जीवन सुख में और खुशहाली से ही व्यतीत करता है.

वास्तव में विद्यार्थी जीवन कठोर अनुशासन, मेहनत और शिष्टाचार का दूसरा नाम है जिस प्रकार सोना आग में तप कर अधिक मूल्यवान कुंदन बन जाता है उसी प्रकार विद्यार्थी जीवन में किया गया कठोर परिश्रम, अनुशासन ही विद्यार्थी को संसार में प्रतिष्ठा और सम्मान दिलाता है.

यही आगे के भविष्य का निर्माण करता है क्योंकि आज तक विद्यार्थी ने जो भी सीखा है उसी से वह धन अर्जित करता है और अपने परिवार का पालन पोषण करता है.

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13 thoughts on “विद्यार्थी जीवन पर निबंध – Essay on Student Life in Hindi”

Vidhyarthi jeevan

Amazing Bro keep it up 😎

thank you daksh

Nice paragraph 👌👌👌

Thank you Devansh for appreciation.

Great essay. Was able to write full 4 pages for my project and even then half of it was left.

Thank you for your appreciation.

This is amazing nibhandh I got full 5 marks in nibhandh

Thank you Kajal for appreciation.

खाने का रिफाईंड तेल पर निबंध लिखें

वसंत तुळशीराम कन्नाके जी हम जल्द ही रिफाईंड तेल पार भी निबंध लिखंगे, अपना सुझाव देने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद

I love this site I got full 10 marks with clapping👏👏

Thank you Jiya Verma for appreciation.

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हम सभी के जीवन का विद्यार्थी जीवन (Student Life) वाला पड़ाव सबसे अहम पड़ाव होता है, क्योंकि यहीं से हम सही और गलत में पहचान करना सीख पाते हैं। जिंदगी में उतार-चढ़ाव की शुरुआत भी विद्यार्थी जीवन से ही होने लगती है। विद्यार्थी जीवन में एक विद्यार्थी का मार्गदर्शन करने में उसके गुरु की सबसे बड़ी भूमिका होती है। विद्यार्थी जीवन में हमारा एक सच्चा मित्र भी ज़रूर बनता है जो हमारे हर सुख-दुख का साथी होता है। विद्यार्थी जीवन में हम पढ़ाई, अनुशासन और समय का महत्त्व सीखते हैं साथ ही खेल-कूद और मौज-मस्ती भी करते हैं।

एक कहावत है कि हर विद्यार्थी अपने जीवन में कामयाब इंसान नहीं बनता लेकिन हर कामयाब इंसान अपने जीनव में विद्यार्थी ज़रूर बनता है। अगर आपने अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर लिया है और आप उसको लेकर दृढ़निश्चयी हैं, तो आप इस कहावत को झूठा भी साबित कर सकते हैं। विद्यार्थी जीवन संघर्ष से भरा हुआ होता है। विद्यार्थी को शिक्षा प्राप्त करने के लिए लगातार कठिन परिश्रम करना पड़ता है। एक विद्यार्थी का जीवन तीन साल की उम्र से ही शुरू हो जाता है और कई सालों तक चलता है।

विद्यार्थी जीवन की भूमिका

विद्यार्थी दो शब्दों से मिलकर बना है, विद्या+अर्थी जिसका अर्थ है विद्या प्राप्त करने वाला इच्छुक व्यक्ति। विद्यार्थी जीवन में छात्र को सही-गलत के बारे में सिखाया जाता है ताकि वो बड़ा होकर सही-गलत की पहचान कर सके। विद्यार्थियों को अनुशासन में रहने के साथ-साथ छोटे-बड़ों से कैसे बात करनी है, ये भी सिखाया जाता है। विद्यार्थी को अपने माता-पिता और गुरु का आदर करना चाहिए।

जब किसी विद्यार्थी के परीक्षा में अच्छे नंबर/अंक आते हैं, तो सबसे ज्यादा खुश उनके माता-पिता और गुरु होते हैं और उनका सर गर्व से ऊंचा हो जाता है। पहले विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए गुरुकुल में भेजा जाता था। लेकिन बाद में शिक्षा सभी के लिए अनिवार्य कर दी गई और नए-नए स्कूलों का निर्माण किया गया। जिससे अब बच्चों को पढ़ने के लिए घर से दूर नहीं जाना पड़ता।

आज शिक्षा को अधिक महत्व दिया जाने लगा है। यही कारण है कि आज के विद्यार्थियों को परीक्षा में नंबर लाने का बोझ और कैरियर बनाने के लिए बहुत कठिनाइयों से लड़ना पड़ता है। ऐसे में विद्यार्थियों को सही मार्गदर्शन की जरूरत होती है। अगर उन्हें सही समय पर मार्गदर्शन के साथ-साथ उनकी पसंद के विषय से रूबरू करवाया जाए, तो वो निश्चय ही सफल होंगे। विद्यार्थी को चाहिए कि वह अपनी रुचि के अनुसार विषय को चुनें ताकि वो खुश होकर पढ़ सकें। उन्हें इस तरह की शिक्षा व्यवस्था की सुविधा करनी चाहिए जिससे उन्हें पढ़ाई बोझ ना लगे।

विद्यार्थी जीवन का महत्व

विद्यार्थी जीवन का समय किसी भी इंसान के जीवन का सबसे अधिक महत्वपूर्ण और उत्साह से भरा हुआ समय होता है। विद्यार्थी जीवन का यही समय उसके भविष्य का निर्माण करता है। विद्यार्थी को चाहिए कि वो इस समय का भरपूर प्रयोग करें ताकि उसे भविष्य में निराशा न झेलनी पड़े। विद्यार्थियों को अपने विद्यार्थी जीवन में हर एक कदम को काफी सोच-समझकर उठाना चाहिए। इसलिए विद्यार्थी जीवन का अपना अलग ही महत्व है।

विद्यार्थी के जीवन में समय का बहुत महत्व होता है। विद्यार्थी अपने छात्र जीवन में शिक्षा के महत्व को सही प्रकार से समझता है। जब कोई विद्यार्थी विद्यालय में दाखिला लेता है, तो उसका मुख्य उद्देश्य ज्ञान अर्जित करना होता है। जब छात्र विद्यालय जाता है, तो वहां पर उसे नए शिक्षक, नए दोस्त के साथ-साथ बहुत सारे सहपाठी भी मिलते हैं। विद्यालय में एक स्वच्छ वातावरण मिलता है जहां पर वो अध्ययन करते हैं।

एक विद्यार्थी के मन में रोज नए-नए विचार उत्पन्न होते हैं। ये विचार सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रकार के हो सकते हैं। एक विद्यार्थी से उम्मीद की जाती है कि वो सकारात्मक ज्ञान को ग्रहण करे और नकारात्मक विचार या भाव को त्याग दे। अगर वो नकारात्मक भाव को स्वीकार करते हैं, तो उन्हें आने वाले समय में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। विद्यार्थी जीवन के महत्व से जुड़े कुछ बिंदुओं का उल्लेख नीचे किया गया है–

अध्ययन करने का सबसे अच्छा समय–

विद्यार्थी जीवन ही ऐसा समय होता है जहां पर आप तनाव मुक्त सहकर अध्ययन कर सकते है। विद्यालयों, विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों में छात्र पढ़ने के लिए जाते हैं, तो उनके ऊपर कमाई और नौकरी का सबसे ज्यादा तनाव रहता है। इसलिए छात्रों को चाहिए कि वो विद्यार्थी जीवन यानी कि पांचवी या सातवीं क्लास से ही तनाव रहित होकर पढ़ाई करें।

विद्यार्थियों पर अनुशासन का महत्व–

विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का काफी महत्व होता है। एक छात्र तभी सफल हो सकता है जब वह अनुशासन में रहकर पढ़ाई करेगा। अगर व्यक्ति अनुशासन में रहकर पढ़ाई करता है,,तो वह एक दिन निश्चित ही सफल हो जाएगा और आने वाले समय में वह सुखद जिंदगी जिएगा। अगर वही व्यक्ति अनुशासनहीनता को अपनाता है, तो उसे जिंदगी भर हमेशा कठिनाइयों से ही सामना करना पड़ेगा।

विद्यार्थियों का कर्तव्य-

विद्यार्थी जीवन का पहला कर्तव्य होता है अच्छे से पढ़ाई करके अपने परिवार की देखभाल करना।

विद्यार्थी जीवन में खेलों का महत्व–

विद्यार्थी जीवन में खेलों का बहुत अधिक महत्व होता है। विद्यार्थी जीवन ही ऐसा समय होता है जहां पर विद्यार्थी तरह-तरह के खेल सीख सकते हैं। ऐसे में जरूरत होती है उन्हें सही दिशा-निर्देश की। अगर उन्हें खेल के क्षेत्र में सही से आगे बढ़ाया जाए, तो छात्र बहुत आगे जायेंगे। स्कूलों और कॉलेजों में चाहिए कि खेल से संबंधित टीचर को रखें ताकि विद्यार्थी अपने मन पसंद खेल के बारे में उनसे बात कर सकें और वो अपने मन पसंद खेल के करियर क्षेत्र में कहां से शुरुआत करें, कैसे आगे बढ़ें आदि ये सारी जानकारी उन्हें देने की जरूरत है।

सफल बनने के लिए सबसे महत्वपूर्ण विद्यार्थी जीवन–

विद्यार्थी जीवन एक ऐसा जीवन होता है जहां आप एक बेहतर इंसान बन सकते हैं। गुरु और माता–पिता की आज्ञा का पालन करके अगर वो सही से पढ़ाई करें, तो वो किसी भी क्षेत्र में जैसे सरकारी नौकरी, बिजनेस, इंजीनियर आदि अच्छे पद पा सकते हैं और अपने आने वाले समय में बेफिक्र हो कर आराम की जिंदगी जी सकते हैं।

विद्यार्थी जीवन कैसा होना चाहिए?

एक विद्यार्थी को अपनी दिनचर्या में, अपने व्यवहार, कार्यशैली और अपने दिमाग पर संतुलन रखना चाहिए। विद्यार्थी जीवन में आप संस्कार की भाषा बोलना सीखते हैं। विद्यार्थी जीवन को हमेशा स्वतंत्र होकर जीना चाहिए। विद्यार्थी को अपने जीवन के कुछ सुनहरे पलों को खुल कर जीना चाहिए। कुछ विद्यार्थी खेल में भाग लेने व गुरुओं से अपने सवालों से संबंधित समस्याएं को पूछने से भी घबराते हैं परंतु एक विद्यार्थी को ऐसा नहीं होना चाहिए, वह अपनी बात दिल खोलकर बोल सकता है। विद्यार्थियों में हमेशा उत्साह के साथ पढ़ाई करने का जज्बा होना चाहिए।

स्कूल में हमारे द्वारा किए गए छोटे-छोटे हंसी-मजाक, मस्ती, लड़ाई जैसी चीजें उम्र भर के लिए यादें बन कर रह जाती हैं। हमें अपने विद्यार्थी जीवन में किसी भी तरह का फैशन नहीं करना चाहिए तथा स्कूल द्वारा दिए गए यूनिफॉर्म को ही इस्तेमाल करना चाहिए। स्कूल द्वारा दिए गए सभी नियमों का पालन करना चाहिए। विद्यार्थी जीवन प्रतिस्पर्धा का समय होता है, ऐसे में हर छात्र एक दूसरे से आगे बढ़ना चाहते हैं जिसके लिए वो सभी खूब मेहनत भी करते हैं।

लेकिन हर बच्चा टॉप नहीं कर सकता है इस बात को भी छात्रों को स्वीकार करना चाहिए। हमें अपने विद्यार्थी जीवन को समझदारी के साथ जीने की जरूरत है। विद्यार्थी जीवन में हमें बुरी चीजों से दूर रहना चाहिए। विद्यार्थी जीवन में छात्रों को सबसे ज्यादा स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत होती है। विद्यार्थी को खेल के साथ-साथ रोज व्यायाम भी करना चाहिए। एक विद्यार्थी को कुछ घंटे मनोरंजन के लिए भी समय निकालना चाहिए ताकि उनका दिमाग़ ठीक रहे और वह सही से पढ़ाई कर सकें। विद्यार्थी को हमेशा अपने समय का सदुपयोग करना चाहिए।

आदर्श विद्यार्थी के गुण

हमारे देश का भविष्य आज की युवा पीढ़ी पर निर्भर करता है। यही विद्यार्थी बाद में युवा बनेंगे जो देश को ऊंचाई पर पहुंचाने का काम करते हैं। विद्यार्थी जीवन में कई तरह के विद्यार्थी होते हैं, एक जो लगातार मेहनत करके पढ़ाई करते हैं और आगे बढ़ते हैं। लेकिन वहीं दूसरी तरफ ऐसे भी विद्यार्थी होते हैं जो सिर्फ मौज मस्ती में ही अपना टाइम खराब कर देते हैं और बाद में उनके हाथ निराशा ही लगती है। आदर्श विद्यार्थियों के गुण निम्नलिखित हैं-

  • एक विद्यार्थी को समय का सही उपयोग करना चाहिए।
  • विद्यार्थी को हमेशा अनुशासन का पालन करना चाहिए।
  • विद्यार्थी को छोटे-बड़ों के साथ-साथ माता-पिता का आदर और उनके द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करना चाहिए।
  • छात्र में मदद करने की भावना जरूर होनी चाहिए।
  • छात्र में जिज्ञासा होनी चाहिए।
  • खेल कूद का महत्व विद्यार्थी जीवन में बहुत अधिक होता है।
  • विद्यार्थी में संयम होना चाहिए।
  • अच्छे विद्यार्थी में दिए गए आज के काम को आज ही कर लेने का गुण अवश्य होना चाहिए।
  • अच्छे विद्यार्थी को खुद पर भरोसा रखना चाहिए।
  • विद्यार्थी में प्रश्न करने का मनोबल होना चाहिए।

विद्यार्थी के लिए समय का महत्व

समय बहुत कीमती है और हमें इसे किसी भी तरह से खराब नहीं करना चाहिए और खासकर विद्यार्थियों को। एक बार जो समय चला जाता है वह कभी लौटकर नहीं आता है। समय दुनिया की सबसे अनमोल चीज है जिसका उपयोग हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए करना चाहिए। विद्यार्थियों को अपने कार्य और समय पर विशेष ध्यान देना चाहिए। विद्यार्थियों को चाहिए कि वह अपना कार्य निर्धारित समय पर पूरा करें।

विद्यार्थी को खाली समय में अपने बड़ों से इतिहास, समाज, देश आदि के बारे में जानना चाहिए इससे उनकी मानसिक शक्ति का विकास होगा। आज शिक्षा को बेचा जाने लगा है। बड़े-बड़े प्राइवेट स्कूलों का निर्माण होने से गरीब घर के बच्चों में एक निराशा की लहर दिखाई देने लगी है। उन्हें लगता है कि वह प्राइवेट स्कूलों में जाने वाले छात्रों से कम शिक्षित हैं।

ऐसे में उनके माता और पिता को सही समय पर राह दिखानी चाहिए कि एक दिन वो भी सरकारी स्कूलों में पढ़कर प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों से भी आगे जा सकते हैं। इसलिए कभी भी शिक्षा को छोटा या बड़ा ना समझें। शिक्षा सबके लिए समान होती है, बस जरूरत होती है उसे सही समय पर सही तरीके से इस्तेमाल करने की। विद्यार्थियों के लिए समय के महत्व से संबंधित कुछ आवश्यक बातें निम्नलिखित हैं–

  • विद्यार्थियों को धन की जगह शिक्षा को महत्व देना चाहिए।
  • विद्यार्थी को कभी भी गलत तरीके से अपने समय को बर्बाद नहीं करना चाहिए।
  • माता-पिता को अपने बच्चों को बचपन से ही समय के महत्व के बारे में बताना चाहिए।
  • उन्हें यह पता होना चाहिए कि समय किसी के लिए रुका नहीं रहता है। इसलिए आपको समय के साथ हमेशा चलते रहना चाहिए।
  • समय रहते ही विद्यार्थियों को अपना कार्य पूरा कर लेना चाहिए।
  • विद्यार्थी जीवन के छात्रों को यह समझना होगा कि सफलता के लिए मेहनत और समय दोनों का महत्व होता है।

विद्यार्थी का लक्ष्य

किसी भी विद्यार्थी का पहला लक्ष्य होता है सही से पढ़ाई करना, जिंदगी में एक नया और ऊंचा मुकाम हासिल करना, जिससे उनका और उनके परिवार का नाम ऊंचा हो। विद्यार्थियों को इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उन्हें विभिन्न बातों का ध्यान रखना चाहिए–

  • लक्ष्य को पूरा करने के लिए विद्यार्थी समय निकाल कर पढ़ाई करें।
  • विद्यार्थी को अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए।
  • विद्यार्थी को चाहिए कि वो अपने लक्ष्य प्राप्त करने के लिए किसी अपने से बड़े व्यक्ति की सलाह लें।
  • विद्यार्थियों को चाहिए कि अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए समय का सही पालन करें।
  • विद्यार्थियों को चाहिए कि वो अपने लक्ष्य को पाने का संकल्प करें और नियंत्रण प्रयास करते रहें जब तक लक्ष्य हासिल ना हो जाए।
  • विद्यार्थियों को खेल आदि जैसे कार्यक्रमों में भाग लेना चाहिए।
  • विद्यार्थियों को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सहनशक्ति का प्रयोग करना चाहिए।
  • आपको किस दिशा में जाना है इसका सही ज्ञान होना चाहिए।
  • विद्यार्थियों को चाहिए कि वह अपनी समस्याओं को खुद से सुलझाएं।
  • अपने लक्ष्य से संबंधित नई खोज के बारे में जानकारी इकट्ठा करें।
  • अपने लक्ष्य से संबंधित नया तथ्य क्या है, ये पता करें।
  • विद्यार्थी को लक्ष्य से जुड़े प्रशिक्षण, कार्यक्रमों आदि में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए।

विद्यार्थियों का तप क्या है?

विद्यार्थियों का विद्या के लिए अध्ययन करना भी एक तप है। विद्या से उन्हें ज्ञान की प्राप्ति होती है। जीवन में मिलने वाली सफलता को विद्यार्थी जीवन से ही रखा जाता है। विद्यार्थी भविष्य में क्या करने वाले हैं इसकी पटकथा विद्यार्थी जीवन में ही तय कर ली जाती है। विद्यार्थी तप इसलिए भी करता है ताकि उसे अच्छी नौकरी मिले। उसके पास अच्छा और बड़ा घर हो। विद्यार्थी अपने जीवन में दुनिया की सारी सुख सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए कठिन परिश्रम करके पढ़ाई करता है ताकि उन्हें यह सारी सुविधाएं आसानी से मिल जाएं।

विद्यार्थी जीवन का उद्देश्य

विद्यार्थी जीवन का मुख्य उद्देश्य होता है ज्ञान अर्जित करना। ऐसे में विद्यार्थियों को चाहिए कि उन्हें जहां से भी जो ज्ञान मिले उसे ग्रहण करने के साथ-साथ उसे अपने सहपाठियों में भी बांटे। इससे उन्हें और भी बातों का पता चलेगा। विद्यार्थी जीवन का मन बहुत चंचल होता है। वह अपने आसपास की दिखने वाली चीजों की तरफ जल्दी आकर्षित हो जाते हैं। ऐसे में उन्हें चाहिए कि वो किसी भी चीज का पहले पूरा ज्ञान हासिल कर लें, तभी उस चीज के बारे में कुछ कहें या उस पर अपनी प्रतिक्रिया दें। जो बच्चे अपने घर से दूर रहकर पढ़ाई करते हैं, उन्हें इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वह समय का सदुपयोग करें ताकि उन्हें जल्द ही सफलता मिल सके।

आखिर में निष्कर्ष के तौर पर हम ये कह सकते हैं कि विद्यार्थी जीवन में एक विद्यार्थी को बहुत से अनुभव होते हैं, जैसे वह जागरूक और सक्रिय रहते हुए सभी चीज़ों का ध्यान रखना सीख जाते हैं, उन्हें समय प्रबंधन करना आ जाता है और वह अपने जीवन का लक्ष्य भी निर्धारित कर लेते हैं। एक विद्यार्थी को विद्यार्थी जीवन खुलकर जीना चाहिए, क्योंकि ये जीवन फिर कभी लौटकर नहीं आता।

विद्यार्थी जीवन पर 10 लाइन

  • विद्यार्थी को हमेशा अपने गुरु की आज्ञा का पालन करना चाहिए, बड़ों का आदर और छोटे से प्यार करना चाहिए।
  • विद्यार्थियों को चाहिए कि वो किताबी ज्ञान के अलावा भी अपने आसपास से जुड़ी चीजों के बारे में सीखें।
  • एक विद्यार्थी को खेल, गाने, डांस अथवा अपनी रुचि के अनुसार किसी एक विषय का चयन करके उसमें भाग लें।
  • विद्यार्थी को ज्यादा से ज्यादा पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए ताकि पेपर में उनके अच्छे अंक आ सके।
  • एक विद्यार्थी से यह अपेक्षा की जाती है कि वो शांत स्वभाव का हो।
  • अच्छे विद्यार्थी को चाहिए कि उसे जहां से भी शिक्षा मिले उसे ग्रहण करें।
  • विद्यार्थियों को शुरू से सिखाया जाना चाहिए कि वो सबकी मदद के लिए हमेशा तत्पर रहें।
  • विद्यार्थी को हमेशा सजग रहना चाहिए ताकि उनसे कोई भी चीज छूट ना जाए।
  • हर काम में विद्यार्थियों को हमेशा सबसे आगे होना चाहिए।
  • विद्यार्थी को कभी भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

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मेरा स्कूली जीवन पर निबंध

life essay in hindi

By विकास सिंह

essay on school life in hindi

हमने हमेशा सुना है कि स्कूली जीवन सबसे अच्छा जीवन है, जब तक आप स्कूल में हैं तब तक आनंद से ज़िन्दगी जीते हैं। जब तक आप स्कूल में हैं तब तक आप कई गलतियाँ कर सकते हैं, आदि ऐसे कई वाक्यांश है जोकि बड़े, बच्चो को बताते है तो उन्हें लगता है की यह ज्यादा बड़ाई की जा रही है।

लेकिन जैसे ही स्कूली जीवन समाप्त होता है और लोग वास्तविक दुनिया में प्रवेश करते हैं, उन्हें एहसास होता है कि बुजुर्ग कितने सही थे। बच्चों को अपने स्कूली जीवन को पूरी तरह से जीना चाहिए। वे जीवन में इन दिनों को बहुत याद करेंगे और जब वे बड़े हो जायेंगे तो ऐसे लापरवाह जीवन का आनंद नहीं ले पायेंगे। स्कूली जीवन अच्छी तरह से इया जाता है तो यह पूरी ज़िन्दगी याद रहता है।

मेरा स्कूली जीवन पर निबंध (200 शब्द)

स्कूल को ज्ञान का मंदिर कहा जाता है, सबसे पहला स्थान जिसने आपको दुनिया में पेश किया और इससे भी अधिक इसने आपको खुदको पहचानने में मदद की । मेरा स्कूली जीवन उन सभी यादों के बारे में है जिन्हें मैं गहराई से संजोता हूं।

न केवल मस्ती, दोस्ती और सभी खेल आदि की यादें, बल्कि इससे मुझे अपने दिलचस्पी के विषयों को खोजने में मदद मिली। मैं आज जो भी हूँ और जहां पहुंचा हूँ, इसका सारा श्री मैं अपने स्कूली जीवन को देता हूँ। मेरा स्कूली जीवन वर्षों से विभिन्न अनुभवों से भरा है।

इसने न केवल मेरी विद्वत्तापूर्ण क्षमताओं को विकसित करने के विभिन्न अवसर दिए बल्कि मेरी कला और खेल को भी विकसित किया। इसने मेरे खेल में मेरा साथ दिया और साथ ही मुझे कई तरह के लोगों से अवगत कराया। इन सभी ने मुझे यह समझने में मदद की अपनी ज़िन्दगी में लोगों के साथ रहना और जुड़ना कितना महतवपूर्ण है।

ऐसी कई चीजें हैं जो स्कूली जीवन को एक जीवन में सबसे अच्छा चरण बनाती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि हम युवा होते हैं और गलतियों का बुरा नहीं मानते और साथ ही हम दुसरे लोगों की परवाह नहीं करते हैं। हम यह नहीं सोचते की लोग हमारे बारे में क्या विचार रखते हैं और हम वह करते चले जाते हैं जो हमें पसंद होता है। अतः यह समय सबसे सुख का समय होता है।

मेरा स्कूली जीवन पर निबंध (300 शब्द)

प्रस्तावना :.

अपने स्कूली जीवन में, मैं हमेशा से ही आदर्श अध्ययनशील छात्र रहा हूँ, इसलिए मैं आमतौर पर कुख्यात बैक बेंचरों की तरह यादों के उस अद्भुत समूह को नहीं छोड़ता हूँ, जो मुझे याद है जब मैं अपने आठवीं कक्षा में था।

मेरा स्कूल जीवन का अनुभव :

यह घटना होने तक स्कूल में एक सामान्य दिन था। यह अवकाश के समय के बारे में था जब मैं अपने सहपाठियों के साथ फुटबॉल खेला करता था। एक दिन जब मैं मैदान में था तो अचानक स्टीफन फ्रांसिस नाम का एक लड़का जो हमारे स्कूल की फुटबॉल टीम का कप्तान था, ने मेरी बिलकुल लिवरपूल एफसी सॉकर बॉल को स्कूल के परिसर से बाहर निकाल दिया, जो हमारे स्कूल के मैदान के ठीक पीछे वाली संकरी गली में थी। ।

हमारे स्कूल की दीवारें थोड़ी ऊँची थीं और हर दूसरे स्कूल की तरह परिसर से बाहर जाना सख्त मना था। हम आंशिक रूप से दीवार पर चढ़ गए ताकि हम गेंद पर एक नज़र रख सकें और किसी व्यक्ति के पास से गुजरने का इंतजार करें ताकि हम उसे अपनी गेंद वापस करने के लिए कह सकें।

जब कोई व्यक्ति वहां पर पहुंचा हमें काफी देर तक इन्तेजार करना पड़ा था। वह काफी दूर था लेकिन उसने गेंद को देखा और उसकी ओर चला गया। हमने देखा कि उसने गेंद लेकर भागने की कोशिश की। इसलिए, बिना सोचे-समझे मैंने और मेरे दोस्त ने स्कूल की दीवार पर छलांग लगा दी, लेकिन जब तक हम उसे पकड़ पाते, वह पहले ही फुटबॉल लेकर दौड़ पड़ा था।

हम उसके पीछे भागने लगे और मेरा दोस्त बाइक से टकरा गया और बुरी तरह घायल हो गया। मैंने अपनी फुटबॉल की चिंता छोड़कर दोस्त को देखने लगा। उस चोट से उसे तीन टांके आए। हमें इस वजह से शिक्षकों और प्रिंसिपल द्वारा डांटा गया था, एक सजा के रूप में हमारे माता-पिता को परेशानी की गंभीरता पर चर्चा करने के लिए अगले दिन स्कूल बुलाया गया था।

निष्कर्ष:

तब से मैं और मेरा यह दोस्त कई दुश्वारियों में भागीदार रहे हैं जिन्होंने मेरे स्कूल जीवन को यादगार बना दिया है।

मेरा स्कूली जीवन पर निबंध (400 शब्द)

किसी व्यक्ति के जीवन में हर चरण विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह उसके व्यक्तित्व को विकसित करने में मदद करता है। लेकिन वह कभी भी अपने स्कूल जीवन जितना नहीं सीख सकता है क्योंकि वह समय है जब हम पहली बार सब कुछ कर रहे हैं।

यही समय है जब हम गलती कर सकते हैं और हमें किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। हम आसपास के लोगों की बहुत परवाह नहीं करते हैं और हर चीज को आजमाने के लिए उत्सुक हैं। हम अपनी गलतियों और अनुभवों से अपने अद्वितीय व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं।

स्कूल लाइफ कैसे होती है सर्वश्रेष्ठ ?

यहां कुछ कारण दिए गए हैं जो साबित करते हैं कि स्कूली जीवन सबसे अच्छा जीवन है:

यूनिफ़ॉर्म: स्कूल में हम स्कूल यूनिफ़ॉर्म से नफरत करते हैं लेकिन जब हम बड़े होते हैं तो हमें एहसास होता है कि हर दिन क्या पहनना है, यह चुनना कितना मुश्किल है।

छुट्टियां: यह स्कूली जीवन का एक प्रमुख कारण है, जिसे समाप्त करने के बाद हम सबसे ज्यादा तरसते हैं। हमें स्कूल में कई छुट्टियां मिलीं और उन्हें बिना किसी तनाव के लापरवाह तरीके से बिताया। हमने अपने चचेरे भाइयों और विस्तारित परिवार का दौरा किया और उन्हें हमारे स्थान पर आमंत्रित किया। जैसे ही हम नौकरी ज्वाइन करते हैं, हमें आराम करने और आनंद लेने के लिए उतनी छुट्टियां नहीं मिलतीं।

दोस्त: सबसे लंबे समय से ज्ञात दोस्ती स्कूल के दिनों में बनाई जाती है। यह मुख्य रूप से है क्योंकि इस दौरान हम लोगों पर आसानी से भरोसा कर सकते हैं। हम नए लोगों से मिलने, नई चीजों की कोशिश करने और नई दोस्ती बनाने के लिए उत्साही और उत्सुक हैं।

शिक्षक: हमें एहसास है कि हमेशा एक मार्गदर्शक होना कितना महत्वपूर्ण है जो अभी भी सोचता है कि हम हर चीज के लिए अपरिपक्व हैं और हमें तदनुसार समझ में आता है। स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद हमें ऐसा कोई मार्गदर्शक / मार्गदर्शक नहीं मिल सकता है।

होमवर्क: एक ऐसी चीज जिसे हम अपने स्कूल जीवन के दौरान घृणा करते हैं और बचने के लिए सैकड़ों रचनात्मक बहाने की कोशिश करते हैं, वास्तव में मजेदार था। स्कूली जीवन इसके बिना इतना अधूरा होता।

सजा और पुरस्कार: सजा पूरे अवधि के दौरान या कक्षा से बाहर निकलने या प्रिंसिपल के कार्यालय में जाने की विविधता में आती थी और सबसे अच्छा इनाम तब होता था जब किसी को कक्षा का मॉनिटर बनाया जाता था।

पहला अनुभव: यह वह समय था जब हमें गलतियाँ करने की अनुमति दी जाती है क्योंकि बहुत सी चीजें हम पहली बार कर रहे थे इनमे चाहे हमारा पहला क्रश हो, पहले बिना रिश्ते के भी दिल टूटना, पहली लड़ाई या पहला चुंबन हो।

ये सभी अनुभव हमारे दिलों में एक विशेष महत्व रखते हैं, जबकि हम बड़े होते हैं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया है और मुझे आज मैं जो भी व्यक्ति हूं, बनने में मदद की है।

मेरा स्कूली जीवन पर निबंध (500 शब्द)

एक स्कूल शिक्षा प्रदान करने के लिए सीखने की जगह और पर्यावरण प्रदान करने के लिए समर्पित एक इमारत है। यह एक ऐसी इमारत है, जिसमें आपका अधिकांश बचपन बीता है, एक इमारत जिसे हर कोई याद करता है, क्योंकि वे आखिरकार इसे छोड़ देते हैं, मेरे मामले में भी यही स्थिति है।

मैंने डॉन बोस्को हाई स्कूल वडोदरा, ईसाई मिशनरी स्कूल में अध्ययन किया है। अन्य लोगों को स्वीकार करने के लिए कठिन है, लेकिन एक ऑल-बॉयज़ स्कूल में होने के कारण जो आनंद मिलता है, केवल यहां पढ़ने वाले लोग ही समझ सकते हैं।

प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं की मेरी यादें:

मैं अपनी दसवीं कक्षा तक बालवाड़ी से डॉन बॉस्को संस्था का हिस्सा रहा हूं। हायर सेकेंडरी में दसवीं के बाद मैं रोज़री हाई स्कूल में गया, जो कमोबेश साइंस स्ट्रीम के छात्रों के लिए अनऑफिशियल डमी स्कूल की तरह था इसलिए मेरे पास हायर सेकंडरी स्कूल से मुश्किल से कोई स्कूल की यादें हैं। तो, मेरे करामाती स्कूल की यादों की कहानी मेरे स्कूल के आसपास के वर्षों से घूमती है।

एक स्टीरियोटाइपिकल स्कूल के बच्चे की तरह मैं स्कूल वैन में स्कूल जाता था। मैं सुबह साढ़े छह बजे उठता, फ्रेश होता, स्कूल यूनिफॉर्म पहनता, दिन के टाइम टेबल के हिसाब से अपने स्कूल बैग का इंतजाम करता और सुबह 6:40 बजे तक क्विक ब्रेकफास्ट करता, जैसे ही सात बजे मेरी स्कूल वैन मेरे घर के सामने आती टब मैं उसमे चढ़ता। फिर, आधे घंटे तक जब तक हम स्कूल नहीं पहुँचे, चिट-चैट का समय था और पहले दिन हमें सौंपे गए होमवर्क के बारे में चर्चा उस समय हुआ करती थी।

स्कूल में दैनिक गतिविधियाँ:

हम स्कूल की घंटी बजने से लगभग पंद्रह मिनट पहले लगभग 7:30 बजे स्कूल पहुँच जाते थे। घंटी बजने से पहले हमें अपनी-अपनी कक्षाओं में रहना था। फिर यह राष्ट्रीय गीत और स्कूल प्रार्थना का समय था जो आठ तक चला जो कि नियमित स्कूल अवधि के शुरू होने का समय था।

यह लगातार चार पीरियड तक जारी रहता, जब तक कि सुबह 10:30 बजे तक की घंटी नहीं बजती। इस समय हमारा ब्रेक होता था। हर कोई इस दौरान अलग-अलग गतिविधियां करता हुआ नजर आता था। वह जिस तरह की कक्षा में था उस पर निर्भर रहने वाली गतिविधियों की तरह।

जब हम प्राथमिक कक्षाओं में थे तो हमने स्कूल के बगीचे में विभिन्न खेल खेले। बास्केटबॉल, फुटबॉल, दौड़ना और छिपना और तलाश करना हमारे कुछ पसंदीदा खेल थे। जैसे ही हम माध्यमिक कक्षाओं में पहुँचे, हम कैंटीन में बैठकर विभिन्न चीजों के बारे में बातचीत करने लगे और स्वादिष्ट भोजन का आनंद लिया।

अवकाश के बाद, हमें चार और कालांश लेने थे। हर कालांश ऊबाऊ नहीं होता था क्योंकि कला और शिल्प, पीटी, नैतिक शिक्षा और गणित के कालांश मेरे लिए दिलचस्प थे।

निष्कर्ष :

स्कूल में इस औपचारिक कार्यक्रम के अलावा, दोस्तों के साथ गपशप करना, कैंटीन में घूमना, वाशरूम में जाकर कालांश के समय को बिता देना, सजा का डर जब हम होमवर्क पूरा करना भूल जाते हैं और वह नोट जो शिक्षक ने हैंडबुक में लिखा है। जब हमने कक्षा में कुछ शरारतें कीं, तो परिणाम के दिन घर से लेकर स्कूल तक की सवारी में घबराहट, अपरिपक्व झगड़े से लेकर मासूम हंसी तक – स्कूल की हर चीज अब इतनी प्यारी लगती है, शायद इसलिए कि चीजें काफी सरल थी।

मेरा स्कूली जीवन पर निबंध (600 शब्द)

ऐसा कहा जाता है कि किसी भी छात्र के जीवन में हाई स्कूल में प्रवेश करना वास्तविक दुनिया में पहला कदम है। यह वह स्थान है जहाँ किसी को जीवन के लिए अनुभव मिलते हैं। इसलिए, इस चरण में प्रवेश करते समय कोई भी स्पष्ट रूप से घबरा जाता है, लेकिन इससे भी अधिक, अति उत्साहित होते हैं क्योंकि अब वे वयस्क होंगे और अपने निर्णय स्वयं ले सकेंगे।

यह ज़रूर कहा जाता है कि महान अधिकार के साथ, बड़ी जिम्मेदारी आती है, और इन जिम्मेदारियों के साथ, सामाजिक दबाव आता है। जिसके बारे में हम सभी बचपन के समय से अनजान थे क्योंकि जब हमें यह सोचकर गलतियाँ करने की अनुमति दी जाती थी कि हम बच्चे हैं, लेकिन हाई स्कूल में ऐसा नहीं होता है क्योंकि हम अभी वयस्क माने जाते हैं।

मेरा हाई स्कूल का अनुभव:

कोई हाई स्कूल में लापरवाह जीवन नहीं जी सकता। अध्ययन का बहुत दबाव होता है। हमें अपनी शिक्षाविदों और पाठ्येतर गतिविधियों के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है और आगे की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी करनी चाहिए। हालांकि हमारे पास इतना सब करने के लिए भी है फिर भी हम अपने दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करना नहीं छोड़ना चाहते हैं क्योंकि यह भी दोस्ती और बहुत सारी शरारतों के खिलने का समय है।

द डे आई बंकड माय स्कूल

मुझे हाई स्कूल के कई अनुभव याद हैं। इनमें से एक था जब मैंने अपने दो दोस्तों के साथ, पहली बार एक बंक किया था। न केवल हमने कालांश को बंक किया, बल्कि हमने स्कूल परिसर से बाहर निकलने और एक नई रिलीज़ की गई फिल्म देखने के लिए अपनी स्कूल की दीवारों के माध्यम से छलांग लगाई। हमारे पास 70 छात्रों की एक कक्षा थी, जिसमें से लगभग 55 छात्र उस दिन उपस्थित थे।

अब संयोग से, मेरी कक्षा के 10 और छात्रों ने भी इस क्लास को बंक किया, जिससे कक्षा की ताकत कम हो गई। इसके अलावा, हमारे सहित सभी 13 छात्रों के बैग अभी भी कक्षा में थे, क्योंकि हमें स्कूल के घंटों के दौरान बैग के साथ कक्षा छोड़ने की अनुमति नहीं थी। इसलिए, हमारे शिक्षक ने जाँच की और पता लगाया कि जिन छात्रों ने बंक किया था और इसलिए अंततः हमें अपने प्रयोगशाला सत्रों से एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया गया।

हालाँकि, हमने इसके बाद बंक करना बंद नहीं किया है। हम नए नए रास्ते खोजने में वास्तव में स्मार्ट बन गए। हमने एक अच्छे छात्र होने और हाई स्कूल का आनंद लेने के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की। उन सभी बंक के दौरान, मुझे एहसास हुआ कि अपने जीवन को जीने लायक बनाने के लिए दोस्तों का होना कितना महत्वपूर्ण है।

मेरे हाई स्कूल में उतार चढ़ाव:

फिर, हमारी पहली हाई स्कूल परीक्षा हुई और मैं अपनी कक्षा के शीर्ष 10 छात्रों की सूची में शामिल होने में कामयाब रहा। मैं हमेशा अकादमिक रूप से एक अच्छा छात्र रहा हूं। इसलिए इस बार, मेरे द्वारा लिप्त सभी शनीगनों के बाद भी, मैं अच्छे अंक लाने में सफल रहा।

लेकिन यह आखिरी बार था जब मुझे अच्छे अंक मिले। मेरे ग्रेड उसके बाद गिरने लगे और इससे काफी तनाव और चिंता पैदा हुई। मैंने पढ़ाई में रूचि खो दी और गेमिंग, फिल्में देखना या उपन्यास पढ़ना शुरू कर दिया। शुक्र है, मैंने कुछ भी बुरा नहीं किया, लेकिन इस सामान्य सामान ने स्थिति को बदतर बना दिया क्योंकि मैं अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सका। इसलिए, मैं परामर्श के माध्यम से गया था जिसके बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे कभी भी आवश्यकता होगी।

मेरे लिए यह मुश्किल दौर था लेकिन आखिरकार मैं अपने फाइनल में अच्छा स्कोर बना पाया। मेरे माता-पिता इस दौरान मेरी शक्ति के स्तंभ के रूप में खड़े रहे। उन्होंने मुझे अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित किया और मुझे सही मार्ग का नेतृत्व करने के लिए प्रेरित किया। मैं उनके मार्गदर्शन और समर्थन के लिए उन्हें पर्याप्त धन्यवाद नहीं दे सकता।

मैं मेरे विद्यालय के सारे अनुभव ज़िन्दगी भर याद रखूँगा। मुझे यह भी सीखने को मिला की इस ज़िन्दगी को खुशहाल बनाने में दोस्तों की क्या भूमिका है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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ग्रामीण जीवन पर निबंध (गाँव का जीवन) Essay on Village Life in Hindi

ग्रामीण जीवन पर निबंध (गाँव का जीवन) Essay on Village Life in Hindi

इस लेख मे हमने ग्रामीण जीवन पर निबंध (गाँव का जीवन) Essay on Village Life in Hindi हिन्दी मे लिखा है। इसमे आप ग्रामीण क्षेत्रों मे शिक्षा, घर, जीवन शैली, स्वास्थ्य सुविधाएं, लोग और परंपराओं के विषय मे पूरी जानकारी दी है। यह निबंध स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए 1200 शब्दों मे लिखा गया है।

Table of Content

प्रस्तावना Introduction (ग्रामीण जीवन पर निबंध-1200 Words)

आज की इस लेख में हम ग्रामीण – गांव में रहने वाले लोग कैसे अपना जीवन व्यतीत करते हैं उनके रहन-सहन का तरीका और साथ ही वहां के सुंदर वातावरण के विषय में आपको बताएंगे।

भारत मे गाँव Villages in India

आज भारत एक विकासशील देश है। तब भी आज शहरों के मुकाबले भारत में बहुत अधिक गाँव है। रिपोर्ट के अनुसार लगभग 75 प्रतिशत से ज्यादा भारतीय जनसंख्या गाँव में रहते हैं। गाँव का जीवन शांत, हरियाली और प्रदूषण मुक्त होता है।

ग्रामीण शिक्षा Education in Rural areas

आज भी इस आधुनिक युग में गाँव का जीवन शहरों से बहुत अलग है। गाँव में पूर्ण रूप से शिक्षा की सुविधाएँ आज भी उपलब्ध नहीं हो पाए हैं। आज भी ज्यादातर गाँव में मात्र प्राइमरी स्कूलों की सुविधा है और कुछ बड़े गाँव में मात्र हाई स्कूल की सुविधा है।

गाँव के घर और जीवन शैली House & Lifestyle in Villages

पहले भारत के सभी गाँव में बांस और भूसे से बने चाट हुआ करते थे और घर भी मिट्टी के होते थे परन्तु अब प्रधानमंत्री आवास योजना की मदद से गाँव में गरीब लोगों को मुफ्त में पक्के घर मिल रहे हैं।

गाँव के लोगों का मुख्य कार्य खेती होता है। आज भी शहरों में जिन अनाजों को लोग खाते हैं सभी गाँव के खेतों से ही आता है। आज भी इस 21वीं सदी में कई ऐसे गाँव हैं जहाँ तक पहुँचने के लिए अच्छी सड़क तक नहीं हैं।

शहर के मुकाबले गाँव में बहुत कम लोग रहते हैं। गाँव में लोगों के घर के आस-पास बहुत खुली जगह होती है और हर किसी व्यक्ति के पास मोटरसाइकिल या कार नहीं होता है। गाँव में ज्यादातर लोगों के पास वाहन के रूप में बैल गाड़ी होता है। परन्तु कुछ जगहों में अब गाँव में भी लोगों के पास गाडी-मोटर की सुविधाएँ हैं।

स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाएँ Health care facilities in villages

परन्तु जिन ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की कमी होती है वहां के जल संपदा बहुत अस्वच्छ होते हैं क्योंकि ज्यादातर गाँव में लोग जिस तालाब के पानी में कपड़े धोते हैं, गाय-भैंस को नहलाते हैं उसी में स्वयं नहाते हैं और उस पानी को खाने-पीने के काम में भी लेते हैं।

आज भी ज्यादातर गाँव में लोग बाहर शौच करते हैं जिसके कारण कई प्रकार की बीमारियाँ – जैसे टाइफाइड, डायरिया आदि से भी भुगतना पड़ता है। आज सरकार के कई अभियान जैसे – स्वच्छ भारत अभियान के द्वारा लोगों को स्वच्छता के विषय में जागरूक करने की मुहीम शुरू की जा चुकी है परन्तु इस प्राचीन काल से आये हुए अन्धविश्वास और अस्वच्छ भारत की आदतों को सुधारने में हमें बहुत समय लगेगा।

गाँव के लोग People of Village

जिन क्षेत्रों में कुछ प्राकृतिक कारणों से खेती किसानी सही प्रकार से नहीं हो पा रही है उन क्षेत्रों के गाँव में ज्यादातर लोग गरीबी रेखा (BPL-Below poverty line) के नीचे होते हैं। उनके पास खेत ना होने या खेतों में पानी की सुविधा सही प्रकार से ना हो पाने के कारण उनके पास एक वक्त का खाना खाने के लिए भी अनाज नहीं होता है।

ज्यादातर राज्यों की सरकार के इन गरीबी रेखा के लोगों के लिए जन धन योजना बैंक अकाउंट प्रदान किया है और साथ ही परिवार के अनुसार 2 रुपए वाला चावल प्रदान किया जा रहा है और साथ ही प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अनुसार घर-घर LPG गैस दिए जा रहे हैं।

पहले कुछ वर्ष पहले गाँव का जीवन रात होते ही अंधकार में डूब जाता था क्योंकि ज्यादातर गाँव में बिजली की सुविधा नहीं थी। आज लगभग ज्यादातर गाँव में बिजली की सुविधा पहुँच चुकी है। अब गाँव के बच्चे भी मेहनत कर रहे हैं और शिक्षा के क्षेत्र में बहुत सफलताएँ प्राप्त कर रहे हैं।

पारंपरिक त्यौहार और संस्कृति Traditional Festivals and Culture

आज भले ही शहरी क्षेत्रों में लोग भारत के संस्कृति और परंपरा को कई हद तक भुला चुके हैं वहीँ आज भी ग्रामीण लोगों के दिल में हमारे देश की परंपरा और संस्कृती कूट-कूट कर भरी हुई है। गाँव के त्यौहार में शहरों के जितना आतिशबाजी और रौशनी तो नहीं होता है परन्तु उसमें सही नियम, और लोग मिलझूल कर त्यौहार का आनंद उठाते हैं।

निष्कर्ष Conclusion

आशा करते हैं आपको गाँव के जीवन या ग्रामीण जीवन पर निबंध अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह निबंध अच्छा लगा हो तो इस आर्टिकल को अपने सोशल मीडिया पर ज़रूर शेयर करें।

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My Aim in Life | मेरा जीवन लक्ष्य पर निबंध

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My Aim in Life essay in hindi: नमस्कार दोस्तों आज के इस नए पोस्ट में हम लोग My Aim in Life यानी कि मेरा जीवन लक्ष्य पर निबंध (Mera jeevan lakshya par nibandh) लेखन करेंगे तो इसे आप अंत तक पढ़े समझे जाने और खुद से लिखने का प्रयास करें इस तरह निबंध लेखन के प्रयास से आप अच्छे निबंध लिख पाएंगे।

my aim in life essay in hindi

परिचय : My Aim in Life | मेरा जीवन लक्ष्य पर निबंध

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का एक उद्देश्य होता है, एक दिशा जिसमें वह आगे बढ़ना चाहता है।  कुछ लोगों को अपने जीवन का लक्ष्य कम उम्र में ही मिल जाता है, जबकि कुछ को बाद में पता चलता है।  जो भी हो, जीवन में एक लक्ष्य होने से हमें दिशा और उद्देश्य का बोध होता है।

यह हमें केंद्रित और प्रेरित रहने में मदद करता है, और हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक रोडमैप प्रदान करता है।  इस निबंध में, मैं अपने जीवन के उद्देश्य और उसके पीछे के कारणों को साझा करूँगा।

 जीवन में एक लक्ष्य होने का महत्व

 व्यक्तिगत विकास और सफलता के लिए जीवन में एक लक्ष्य होना महत्वपूर्ण है।  यह हमें लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करने की दिशा में काम करने में मदद करता है।  जब हमारा कोई उद्देश्य होता है, तो हम अधिक प्रेरित होते हैं और सफल होने के लिए प्रेरित होते हैं।

हम अधिक केंद्रित और संगठित हो जाते हैं, और हम अपने समय और संसाधनों का अधिक कुशलता से उपयोग कर सकते हैं।  इसके अलावा, जीवन में एक स्पष्ट लक्ष्य होने से हमें बेहतर निर्णय लेने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सही रास्ता चुनने में मदद मिलती है।

 जीवन में मेरा लक्ष्य

 मेरे जीवन का लक्ष्य डॉक्टर बनना है।  बहुत कम उम्र से ही मुझे चिकित्सा के क्षेत्र से लगाव रहा है। मुझे हमेशा मानव शरीर और उसके कार्यों के बारे में दिलचस्पी रही है, और मुझे उन लोगों की मदद करने की गहरी इच्छा है जो बीमारियों से पीड़ित हैं। डॉक्टर बनना सिर्फ एक पेशा नहीं है;  यह एक पुकार है। मेरा मानना ​​है कि डॉक्टर बनने से मुझे मानवता की सेवा करने और लोगों के जीवन में बदलाव लाने का अवसर मिलेगा।

 मेरे उद्देश्य के पीछे कारण

 मेरे डॉक्टर बनने के कई कारण हैं।  सबसे पहले, जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, मैं हमेशा मानव शरीर और उसके कार्यों से मोहित रहा हूं।  मुझे यह आश्चर्यजनक लगता है कि कैसे अलग-अलग अंग हमें जीवित रखने के लिए एक साथ काम करते हैं और बीमारियां उन्हें कैसे प्रभावित कर सकती हैं।

दूसरे, मुझे उन लोगों की मदद करने की प्रबल इच्छा है जो बीमारियों से पीड़ित हैं।  मेरा मानना ​​है कि एक डॉक्टर होने के नाते मुझे लोगों के दर्द और पीड़ा को कम करने और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने का अवसर मिलेगा।  तीसरा, मैं अनुसंधान करके और नए उपचार विकसित करके चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान देना चाहता हूं।  मेरा मानना ​​है कि एक डॉक्टर होने के नाते मुझे चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान करने का मौका मिलेगा।

 मुझे जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है

 डॉक्टर बनना कोई आसान काम नहीं है, और इस रास्ते में मुझे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।  सबसे पहले, डॉक्टर बनने की प्रक्रिया लंबी और चुनौतीपूर्ण होती है।  इसके लिए बहुत मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है और इसे पूरा होने में कई साल लग सकते हैं। 

दूसरा, मेडिकल स्कूल बहुत प्रतिस्पर्धात्मक है, और इसे स्वीकार करना मुश्किल हो सकता है।  तीसरा, डॉक्टर होना भावनात्मक और शारीरिक रूप से कठिन हो सकता है।  डॉक्टर अक्सर लंबे समय तक काम करते हैं और उन्हें कठिन मामलों से निपटना पड़ता है, जो उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है।

 मैं अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की योजना कैसे बनाऊं

 डॉक्टर बनने के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए मुझे कड़ी मेहनत करनी होगी और फोकस्ड रहना होगा।  सबसे पहले, मेरी योजना स्कूल में कड़ी मेहनत करने और अच्छे ग्रेड बनाए रखने की है।  मेरा मानना ​​है कि मेडिकल स्कूल में प्रवेश के लिए एक मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि आवश्यक है।

दूसरे, मैं व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने और चिकित्सा के क्षेत्र के बारे में अधिक जानने के लिए अस्पतालों और क्लीनिकों में स्वयंसेवा करने की योजना बना रहा हूं।  तीसरा, मैं चिकित्सा के क्षेत्र में नवीनतम विकास पर अद्यतन रहने के लिए अनुसंधान परियोजनाओं में भाग लेने और सम्मेलनों में भाग लेने की योजना बना रहा हूँ। अंत में, मेरी योजना मेडिकल कॉलेज प्रवेश परीक्षा (एमसीएटी) के लिए अच्छी तैयारी करने और प्रतिष्ठित मेडिकल स्कूलों में आवेदन करने की है।

 निष्कर्ष : जीवन लक्ष्य पर निबंध

 अंत में, व्यक्तिगत विकास और सफलता के लिए जीवन में एक लक्ष्य होना आवश्यक है। मेरे जीवन का उद्देश्य डॉक्टर बनना है और मुझे विश्वास है कि यह पेशा मुझे मानवता की सेवा करने और लोगों के जीवन में बदलाव लाने का अवसर देगा। 

इसे अवश्य पढ़ें:

  • दहेज प्रथा पर निबंध
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध

हालाँकि रास्ते में चुनौतियाँ हो सकती हैं, मैं कड़ी मेहनत करने और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केंद्रित रहने के लिए दृढ़ संकल्पित हूँ।  मेरा मानना ​​है कि कड़ी मेहनत, समर्पण और लगन से मैं अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता हूं और चिकित्सा के क्षेत्र में सकारात्मक योगदान दे सकता हूं।

अगर आपको “मेरा जीवन लक्ष्य पर निबंध” का यह लेखन पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के बीच अवश्य शेयर करें और हां कोई सुझाव हो तो कमेंट बॉक्स में लिखकर हमें बताएं।

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12 thoughts on “My Aim in Life | मेरा जीवन लक्ष्य पर निबंध”

Essay on mera Priya khel

OK bahut jald post kr denge.

हम जल्द ही हमारे प्रिय खेल पर निबंध पोस्ट करेंगे सलाह देने के लिए धन्यवाद.

essey on mere jivan ka priya khel

Done…ek baar check kr lo aap…thank you.

essay on my favourite game

YES,We will soon post.

nibandh on mera priya khel

done…thank you for suggestion

Sabhi nibandh

Ok hmlog or bhi nibandh post krenge.

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शहरी जीवन पर निबंध Essay on City Life in Hindi (1000 Words)

शहरी जीवन पर निबंध Essay on City Life in Hindi

इस लेख में आप शहरी जीवन पर हिंदी में निबंध (Essay on City Life in Hindi) पढेंगे। जिसमें शहरी जीवन क्या है, अशरी और ग्रामीण जीवन में अंतर, विशेषताएं, समस्याएं, वरदान या अभिशाप तथा 10 वाक्य इस निबंध को आकर्षक बनाते हैं।  

Table of Contents

प्रस्तावना (शहरी जीवन पर निबंध (Essay on City Life in Hindi)

आधुनिक समय में विज्ञान के आविष्कारों से हर कोई परिचित है। सभी लोग अपना जीवन सरलता और  सभी सुविधाओं से युक्त होकर जीना चाहते हैं।

भारत में आजादी के बाद देश की लगभग आधी जनसंख्या गांव में निवास करती थी। जो मुख्य रूप से कृषि पर आधारित थी। लेकिन आज के समय में प्रतिदिन नई तकनीकें विकसित हो रहीं हैं, जिसके कारण कृषि के अलावा भी  बहुत सारे रोजगार के अवसर प्रस्तुत हो रहे हैं।

कहा जाता है कि भारत सर्वाधिक गाँवों वाला देश है। जहां निवास करने वाले लोग खुशहाली से अपना जीवन व्यतीत करते हैं। परंतु फिर भी लोग बेहतर आजीविका के लिए शहरों की ओर पलायन करते हैं।

इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता की, ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों की अपेक्षा शहरी लोगों को अधिक सुविधा उपलब्ध हो पाती है।

चिकित्सालय, विद्यालय आदि से जुड़ी सभी प्रकार की जरूरी सुविधाएं शहरों में बहुत आसानी से प्राप्त हो जाती हैं।

शहरों में बड़े-बड़े  उद्योगों और कारखानों से निकलने वाले जहरीले हुए पूरे शहर में प्रदूषण फैलाते हैं जिसके कारण अनेकों प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

शहरी जीवन क्या है? What is City Life in Hindi?

शहर बड़ी तथा स्थाई मानव बस्ती होती है। जहां मुख्य रूप से आवास, परिवहन, सुरक्षा और स्वच्छता से जुड़े व्यापक सुविधाएं फैली  होते हैं।

आजादी के पहले भारत में आधे से अधिक जनसंख्या सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती थी लेकिन कुछ वर्षों में इसमें तेजी से बदलाव हुआ और शहरीकरण के कारण आज के समय आधी आबादी शहरों में रह रही है।

यह सामान्य बात है कि जहां लोगों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी वह स्थान उन्हें  जरूर आकर्षित करेगा। शहरी विकासवाद के कारण आज के समय में बड़ी संख्या मे लोग शहरों  की ओर आकर्षित हुए हैं।

शहरी जीवन यह ग्रामीण जीवन के मुकाबले ज्यादा विकसित और सुरक्षित होता है। जहाँ चिकित्सा, रोजगार, शिक्षा आदि से जुड़े सभी सुविधाओं का लाभ शहरी जीवन जीने वाले लोग उठाते हैं।

यहाँ पर रहने वाले सभी लोग अपनी दिनचर्या में पूरी तरह व्यस्त रहते हैं। जिसके कारण वे अन्य चीजों कुछ समय नहीं दे पाते हैं।

शहरी जीवन और ग्रामीण जीवन में अंतर Difference Between City and Village life in Hindi

ग्रामीण जीवन शहरों की तुलना में काफी शांतिपूर्ण होता है और यहां के लोग शहरों के लोगों की तरह व्यस्त जीवन नहीं जीते हैं।

गांव में अधिकतर आधारभूत सुविधाएं जैसे- स्कूल, चिकित्सा, बिजली, संचार माध्यम और रोजगार आदि प्राप्त करने में लोगों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

शहरों में ज्यादातर जगह अस्पताल की सुविधा होती है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में अस्पताल जाने के लिए कच्ची सड़कों द्वारा मिलो दूर का सफर करना पड़ता है।

रोजगार की तलाश में हर कोई शहर जाता है। क्योंकि गांवों में लोगों को अधिक लाभप्रद रोजगार उपलब्ध नहीं हो पाता यदि उपलब्ध होता भी है तो वह मौसमी रोजगार होता है।

भारतीय संस्कृति की पहचान मुख्य रूप से गाँवों से ही होती है। क्योंकि गांव संस्कृति और विरासत का एक दर्पण होता है।

एक तरफ ग्रामीण जीवन जीने वाले लोग अपनी संस्कृति का हमेशा ख्याल रखते हैं वही शहरों के लोग पाश्चात्य संस्कृति को अधिक ,मान देते हैं और अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं।

शहरी जीवन की विशेषताएं Characteristics of Urban Life in Hindi

शहरों में निवास करने वाले लोगों को रोजगार पाने के लिए अधिक परिश्रम नहीं करना पड़ता। क्योंकि बड़े शहरों में कामकाज बहुत आसानी से मिल जाता है। जबकि गांवों और कस्बों में रोजगार  के लिए लोगों को बहुत दिक्कत होती है।

शिक्षा के लिए शहरों में बड़े-बड़े स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी खोले जाते हैं जहां विद्यार्थियों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दी जाती है। शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाने वाले टीचर और प्रोफेसर अपने विषय में विद्वान और उच्च गुणवत्ता वाले होते हैं।

शहरी क्षेत्रों में बड़ी इमारतों और आवासों का निर्माण किया जाता है जो बेहतरीन सुविधाओं से युक्त होता है। इन आवासों में 24 घंटे बिजली की सुविधा प्रदान की जाती है।

परिवहन के लिए शहरों में पक्की सड़कें बनाई जाती है तथा इसके अलावा बस, ट्रेन, मेट्रो ट्रेन और टैक्सी जैसे बहुत से  साधन होते हैं।

बड़े व्यापारी अपने ज्यादातर व्यापार को शहरी लोगों से ही करते हैं क्योंकि शहरों में उन्हें अधिक मुनाफा मिलता है। बड़े-बड़े शहरों में उद्योग और धंधे विकसित होने  की संभावना कई अधिक होती है।

शहरी जीवन की समस्याएँ Problems of City Life in Hindi

इस बात में कोई दो राय नहीं है की शहरी जीवन ग्रामीण जीवन के मुकाबले कई गुना अच्छा और सुविधा पूर्ण होता है। लेकिन शहरी जीवन इतना भागदौड़ भरा और व्यस्त होता है जहां लोगों को अपने रिश्तेदारों से मिलने का भी समय नहीं मिल पता।

विकास के नाम पर शहरों में बड़े-बड़े उद्योग और कारखाने खोले जाते हैं। जिन से निकलने वाले केमिकल्स भूमि तथा वातावरण को प्रदूषित करते हैं। यही कारण है कि आज के समय में  पर्यावरण में ऑक्सीजन की मात्रा घट गई है।

बिना किसी तैयारी के रोजगार के लिए शहरों की ओर पलायन करते लोगों के रहने की व्यवस्था नहीं हो पाती है जिसके कारण उन्हें झोपड़ी और झुग्गियों में रहना पड़ता है। लोगों के द्वारा स्वच्छता न रखने के कारण प्रदूषण और अनेकों तरह की बीमारियां उत्पन्न होती हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोगों को शहरों में रहने के लिए बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और शहरी जीवन उनके लिए बेहद खर्चीला भी होता है। गांव की अपेक्षा शहरों में फल और सब्जियां तथा खाने-पीने की अन्य वस्तुएं बहुत महंगी होती हैं।

शहरों में वाहनों की संख्या बेहद अधिक होती है। जिसके कारण ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण से पर्यावरण को खूब क्षति पहुंचती है।

शहरी जीवन: वरदान या अभिशाप Urban Life: Boon or Curse

शहर में जरूरत की लगभग सभी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। यहां सभी सुविधाओं से संपन्न अस्पतालों में विद्वान डॉक्टर होते हैं। आधुनिक तकनीकों और मशीनों से किसी भी बीमारी का इलाज आसानी से किया जाता है। शहरों में व्यापारिक और औद्योगिक केंद्र स्थित होते हैं जो लोगों को रोजगार देने का भी कार्य करते हैं।

विद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय तक शिक्षा के लिए सभी तरह की सुविधाएं होती हैं। शहरी क्षेत्रों में मनोरंजन के लिए बड़े बड़े सिनेमाघर बनाए जाते हैं।

कहते हैं कि हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं। उसी प्रकार शहरी जीवन में अनेकों परेशानियां भी होती हैं। यहां के लोग स्वार्थ से भरे रहते हैं और बनावटी जीवन जीते हैं।

शहरों में बढ़ती जनसंख्या के कारण रोजगार के साधन भी मुश्किल से प्राप्त हो पाते हैं जिसके कारण कुछ लोग अपराधों के जरिए अपना गुजारा करते हैं जैसे- चोरी, डकैती, लूटमार इत्यादि।

शहरी जीवन के अनेकों लाभ है। लेकिन अनुचित  कार्य करने के कारण यह एक अभिशाप की तरह प्रतीत होता है।

बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को अलग-अलग तरह की बीमारियां हो जाती हैं। विज्ञान के अनुचित उपयोग के कारण शहरी जीवन को अभिशाप में बदलने में अधिक वक्त नहीं लगता है।

शहरी जीवन पर 10 वाक्य Few Lines on City Life in Hindi

  • शहर में निवास करने वाले लोगों को रोजगार से जुड़े साधन अत्यंत आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।
  • देश के बड़े-बड़े नेता और अभिनेता शहरों में रहते तथा रहिशी वाली जिंदगी जीते हैं।
  • बड़े-बड़े सरकारी दफ्तर और न्यायालय केवल शहरों में ही बनाए जाते हैं।
  • आबादी की दृष्टि से दुनिया का सबसे बड़ा शहर चाइना का शंघाई शहर है।
  • भारत का सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर महाराष्ट्र का मुंबई शहर है।
  • शहरों में बड़ी बड़ी बिल्डिंग और आवासों का निर्माण किया जाता है।
  • यहां बिजली  की सुविधा 24 घंटे उपलब्ध रहती है।
  • व्यापक संचार माध्यम के कारण शहरी जीवन ग्रामीण जीवन के मुकाबले अधिक सुविधा पूर्ण होता है।
  • फल फूल, सब्जियां अन्य खाद्य पदार्थ शहरों में  बहुत अधिक मांगे होते हैं।
  • शहरी लोगों की दिनचर्या बहुत व्यस्त होती है। 

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने शहरी जीवन पर निबंध (Essay on City Life in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको पसंद आया हो। अगर यह निबंध आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरुर करें।

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मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध-My Aim In Life Essay In Hindi

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध (my aim in life essay in hindi) :.

भूमिका : मनुष्य का महत्वकांक्षी होना एक स्वभाविक गुण होता है। हर व्यक्ति जीवन में कुछ विशेष प्राप्त करने की इच्छा रखता है। मनुष्य अनेक प्रकार की कल्पनाएँ करता है। वह खुद को ऊपर उठाने के लिए योजनाएँ बनाता है। कल्पना तो सबके पास होती हैं लेकिन कल्पना को साकार करने की शक्ति केवल किसी-किसी के पास ही होती है। सपनों में तो सभी घूमते हैं।

सभी लोग महत्वकांक्षाओं के मोती प्राप्त करना चाहते हैं। मनुष्य कभी भी बिना उद्देश्य के कोई काम नहीं करता है मनुष्य का हर कार्य सोद्देश्य पूर्ण होता है। एक मनुष्य भी बिना उद्देश्य के कोई काम नहीं करता है। कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य को सामने रखकर ही कार्य करता है। हमारा जीवन एक यात्रा की तरह होता है।

अगर यात्री को पता होता है कि उसे कहाँ पर जाना है तो वह अपने लक्ष्य की तरफ बढना शुरू कर देता है लेकिन जब यात्री को अपने लक्ष्य का ही पता नहीं होता है तो उसकी यात्रा निरर्थक हो जाती है। उसी तरह यदि एक विद्यार्थी को पता होता है कि उसे क्या बनना है तो वह उसी दिशा में प्रयत्न करना शुरू कर देता है और अपने लक्ष्य में सफल भी हो जाता है। जब एक विद्यार्थी का कोई उद्देश्य ही नहीं होता है तो उसका जीवन उसको कहीं पर भी नहीं ले जाता है।

बाल्यावस्था की समस्या :  जब बच्चा छोटा होता है तो वह विद्यालय में प्रवेश करता है। उस समय में बच्चों के सामने अनेक लक्ष्य होते हैं। वह जैसे-जैसे लोगों के संपर्क में आता है वैसे-वैसे उस पर प्रभाव पड़ता है। कभी तो वह सोचने लगता है कि वह डॉक्टर बनेगा और कभी वह सोचने लगता है कि वह अध्यापक बनेगा और कभी इंजीनियर बनेगा।

अलग-अलग लोगों के लक्ष्य भी अलग-अलग होते हैं। कभी वह डॉक्टर बनकर रोगियों की सेवा करना चाहता है, कभी इंजीनियर बनकर इमारतें बनाना चाहता है, कभी नेता बनकर देश की सेवा करना चाहता है, कभी सैनिक बनकर देश की रक्षा करना चाहता है।

माँ-बाप भी यह कल्पना करते हैं कि वे अपने बच्चे को यह बनायेंगे, वह बनायेंगे लेकिन वास्तव में निर्णय तो बच्चों को खुद ही लेना पड़ता है। माँ-बाप को बच्चों पर अपनी मर्जी नहीं थोपनी चाहिए। विद्यार्थीकाल मनुष्य के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह मानव जीवन की आधारशिला के बराबर होता है।

यदि विद्यार्थी इस काल में अपने जीवन के लक्ष्य को निर्धारित कर लेते हैं तो वे जीवन को सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण बना लेता है और अपने देश और समाज के लिए उपयोगी सिद्ध होता है। सभी लोगों की इच्छाएं अलग-अलग होती हैं लेकिन कुछ ही लोगों की इच्छाएं साकार हो पाती हैं।

डॉक्टर बनने का उद्देश्य :  मैं अक्सर अपने दोस्तों को बात करते हुए सुनता हूँ की वे क्या बनना चाहते हैं लेकिन मैंने तो पहले से ही अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। मेरा जीवन में एक ही लक्ष्य है कि मैं बड़ा होकर डॉक्टर बनूंगा। मैं डॉक्टर बनकर देश और समाज की रोगों से रक्षा करूंगा।

कुछ विद्यार्थी डॉक्टर इसलिए बनना चाहते हैं जिससे वे अधिक-से-अधिक धन कमा सकें लेकिन मेरा उद्देश्य यह नहीं है। मैं डॉक्टर बनकर गरीबों और पीड़ितों की सेवा करना चाहता हूँ। कुछ लोग अपने उद्देश्य को पाकर भी गलत रास्ते पर चल देते हैं वे अपने कर्तव्य को अच्छी तरह नहीं निभाते हैं।

मैं अपने लक्ष्य पर पहुंचने के बाद अपने कर्तव्य से नहीं भटकूँगा। मैं ऐसा चिकित्सा ज्ञान प्राप्त करना चाहता जिसे लोग पैसा के अभाव की वजह से प्राप्त नहीं कर पाते हैं। मैं डॉक्टर इसलिए बनना चाहता हूँ जिससे मैं गरीब लोगों की रोगों से रक्षा कर सकूं।

मैं उन्हें स्वस्थ रहने के लिए अनेक प्रकार के तरीके बताऊंगा जैसे- वे किस प्रकार जीवन-यापन करें, स्वास्थ्य और संतुलित भोजन के महत्व को समझें, किस प्रकार रोगों से खुद की रक्षा करें इन सब में मैं अपना पूरा योगदान दूंगा। मैं डॉक्टर बनकर अपने देश और समाज की सेवा करना चाहता हूँ।

शिक्षकों एवं डॉक्टर का महत्व :  प्राचीनकाल के धार्मिक ग्रंथ भी घोषणा करते हैं कि दो वर्ग के मनुष्यों का समाज पर बहुत ज्यादा उपकार है। पहला वर्ग शिक्षकों का है जो लोगों के अंदर से अज्ञान को निकालकर ज्ञान का दीपक जलाकर उनके जीवन को सार्थक कर देते हैं।

दूसरा वर्ग डॉक्टर या चिकित्सक का होता है जो रोगी के रोगों को दूर करके उसे नया जीवन देता है। शिक्षा देना और रोगियों का इलाज करना दोनों ही पवित्र काम होते हैं और मैंने अपने जीवन के लक्ष्य के लिए इनमें से एक पवित्र लक्ष्य को चुन लिया है।

हमारे देश में जितने भी लोग डॉक्टरी की परीक्षा में पास होते हैं वे नगरों या शहरों में अपने अलग क्लीनिक खोल लेते हैं और धन जमा करना शुरू कर देते हैं और विदेशों की तरफ भागते है। ऐसे डॉक्टर कभी भी समाज और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य को नहीं समझते हैं।

वे अपना लक्ष्य सिर्फ धन कमाना मानते हैं। आज के समय में नगरों में ऐसे असंख्य नर्सिंग होम खुल चुके हैं। यहाँ पर जो डॉक्टर काम करते हैं वे मरीजों को गुमराह कर रहे हैं। यह अपने देश और देश में रहने वाले निवासियों के साथ विश्वासघात है।

ग्रामीणों के उपचार की आवश्यकता :  मैं दूसरे लोगों की तरह नगर में क्लीनिक न खोलकर नगर से दूर गाँव में एक छोटा सा अस्पताल स्थापित करूं जिससे गाँव के लोगों को रोगों से बचने और रोग से मुक्त होने की सुविधा मिल सके। मैं रोगियों से पैसे लूटने की जगह उनसे केवल उतने ही पैसे लूँगा जिससे अस्पताल सुचारू रूप से चल सके।

जो लोग गरीब और अभावग्रस्त होंगे उनका इलाज मैं मुफ्त में करूंगा। मैं भी एक गाँव का रहने वाला हूँ। मैंने कई बार गाँव के लोगों को दवा और इलाज के अभाव की वजह से मरते हुए देखा है और देख रहा हूँ। मैं डॉक्टर बनकर उन लोगों की सेवा करना चाहता हूँ जो न ही तो बड़े डॉक्टर को मोटी फीस दे सकते हैं और न ही मरीज को बड़े नगरों में ले जा सकते हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की अधिक-से-अधिक जरूरत है। हम अक्सर रेडियो, समाचार पत्र और अखबारों में पढ़ते हैं कि हर साल हजारों लोग कुपोषण का शिकार हो रहे है और उन्हें ठीक इलाज न मिलने की वजह से उनकी मौत हो जाती है इस बात को पढकर बहुत दुःख होता है।

उद्देश्य पूर्ति के लिए प्रयत्न :  मैं यह बात अच्छी तरह से जानता हूँ कि एक सफल डॉक्टर बनना आसान नहीं है इसके लिए बहुत कठिन परिश्रम करना पड़ता है। डॉक्टर के ह्रदय में मरीजों के प्रति दया, करुणा, और सहानुभूति की भावना होना बहुत ही जरूरी होता है। मैंने अपने इस उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए अभी से प्रयास करने शुरू कर दिए हैं।

मेरे माता-पिता का आशिर्वाद सदैव मेरे साथ है। उनका भी सपना है कि मैं बड़ा होकर डॉक्टर बनूँ। मैं डॉक्टर बनकर सही अर्थों में उन लोगों को पाठ पढ़ाना चाहता हूँ जो लोगों से पैसे कमाने के लिए डॉक्टर बनते हैं। मैं किसी ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे नर्सिंग होम की स्थापना करना चाहता हूँ जिसमें गरीब और अभावग्रस्त लोगों का उचित फीस पर इलाज कर सकूं।

आज के समय में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की बहुत जरूरत है। यह काम भारत सरकार कर रही है लेकिन उसकी अपनी सीमाएं हैं। मैं अपने उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए बहुत कठिन परिश्रम करूंगा। मैं जब तक डॉक्टर नहीं बन जाता तब तक चैन से नहीं बैठूँगा।

उपसंहार :   मेरी यह इच्छा है कि मैं अपने लक्ष्य को पूरा करूं। मैं इस काम को पूरा करने के लिए स्थानीय लोगों के साथ-साथ समाज-सेवा संस्थाओं का भी सहयोग लूँगा। मैं कोशिश करूंगा कि गाँव में स्थित मेरा नर्सिंग होम गाँव के लोगों की जरूरतों को पूरा कर सकें।

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विद्यार्थी जीवन में समय का महत्व पर निबंध

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रूपरेखा : प्रस्तावना - विद्यार्थी और समय - समय का महत्व - उपसंहार।

इस संसार में समय का हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। खोया हुआ धन पुनः अर्जित किया जा सकता है, खोया वैभव पुनः प्राप्त किया जा सकता है, अपने पसंदिता जगह फिरसे घुमा जा सकता है, पसंदिता खाना कई बार खा सकते है किन्तु समय को एक बार खोने के बाद पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता। हम समय को कभी रोक नहीं सकते। समय कभी नहीं रुकता किसी के लिए। बिता फिरसे नहीं ला सकते। समय निरंतर गतिशील रहता है। समय का सदुपयोग कर जीवन को नयी दिशा उनर उन्नति प्रधान की जा सकती है जबकि इसका दुरूपयोग 'अब पछताय होत क्या जब चिड़िया चुग गयी खेत' कहने के लिए बाध्य करता है। विद्यार्थी जीवन में तो समय का महत्व और भी बढ़ जाता है।

विद्यार्थी के जीवन में समय का महत्व हम शब्दों में बया नहीं कर सकते। कहते है अगर विद्यार्थी ने समय का सदुपयोग करना सिख गया तो उसे सफल बनने से कोई नहीं रोक सकता। यदि विद्यार्थी जीवन में समय का सही उपयोग किया जाए तो जीवन में सफलता अवश्य प्राप्त होती है। इसके विपरीत जो विद्यार्थी कर लेंगे या पढ़ लेंगे का दृष्टिकोण रखते हैं, उन्हें असफलता का सामना करना पड़ता हैं। विद्यार्थियों को चाहिए की वे अपना हर कार्य निर्धारित समय पर या उसके पूर्व ही समाप्त कर लें जिससे बचे हुए समय में दूसरे कामों को करने की रूपरेखा बनायी जा सके।

समय बहुत ही मूल्यवान है इसीलिए खाली समय का भी ऐसा उपयोग करना चाहिए की वह भी उपयोगी सिद्ध हो। इस खाली समय में विद्यार्थी अपने शिक्षकों या अपने से बड़ों से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। विद्यारती अपने खाने-पीने, खेलने-कूदने, सोने-जागने और पढने के लिए एक तालिका का निर्माण कर समय को व्यवस्थित करें। यह न हो की अभी तो परीक्षा के लिए काफी समय है, बाद में पढ़ लेंगे। आज खेल लें, कल पढ़ लेंगे यह कहते-कहते समय कब बीत जाता है, पता ही नहीं चलता और परीक्षाएं सर पर आ जाती हैं। ऐसे में सभी विषयों की तैयारी अच्छे से हो नहीं पाती और परिणाम यह होता है की असफलता ही हाथ लगती हैं और विद्यारती हाथ ही मलते रह जाता है। खाली समय में विद्यार्थी को समाज सेवा का कार्य भी करना चाहिए जिससे की समाज में वे आदर्श विद्यार्थी कहलाये और उनको समाज में सम्मान मिले।

समय सफलता की कुंजी है इसीलिए जीवन में वही लोग सफलता और उन्नति प्राप्त करते हैं जो समय के महत्व को समझते हैं। यदि समय को सही प्रकार से उपयोग किया जाए तो समय कभी भी प्रतिकूल नहीं होता, बल्कि हर कदम पर हमारा साथ देता है। विद्यार्थियों के लिए तो एक-एक पल कीमती होता है। विद्यार्थियों को चाहिए की वे उन व्यक्तियों के जीवन से प्रेरणा लें जिन्होंने समय का सही उपयोग कर जीवन में सफलता प्राप्त की है।

एक वृक्ष पर फूल लगते है एवं सही समय आने पर वृक्ष उन्हें स्वयं गिरा देता है। यदि उस फूल को समय से पहले तोड़ लिया जाए तो उसके गुण एवं स्वरुप में अंतर आ जाता है। इसलिए समय के महत्व को समझना चाहिए। किसी ने सच ही कहा है की विद्यार्थी के तीन वर्ष का कठिन परिश्रम आगे के तीस वर्ष सुख देगा परन्तु अभी की तीन वर्ष की मौज-मस्ती पूरे जीवन दुःख देगी। इसलिए विद्यार्थियों को सोच समझकर समय का उपयोग करना चाहए ताकि आने वाला भविष्य उनके जीवन में रौशनी भर दे तथा समाज में सम्मान मिले।

समय के लिए अंग्रेजी में बड़ा ही सही कहा गया है की "टाइम इज मनी" अर्थात समय ही धन है। जो विद्यार्थी इस धन को यूं ही लुटाता रहता है वह एक दिन समय के लिए रोना पड़ता है। इसलिए समय की बहुमूल्यता को जानकार हमें इसका सही प्रबंधन करना सीखना चाहिए तभी जीवन में सफलता मिल सकेगी। समय का सदुपयोग कर जीवन को नयी दिशा उनर उन्नति प्रधान की जा सकती है। विद्यार्थी के जीवन में समय का महत्व हम शब्दों में बया नहीं कर सकते। अगर सफल व्यक्ति बनना है तो समय को सफल तरीके से उपयोग करना होगा।

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विद्यार्थी जीवन पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में | Student Life Essay in Hindi

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे विद्यार्थी जीवन पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में। हर किसी की जिंदगी में विद्यार्थी जीवन बहुत ही ज्यादा महत्व रखता है क्योंकि यही वह समय होता है जब विद्यार्थी सही और गलत में पहचान करना सीखते हैं। विद्यार्थी जीवन में एक गुरु का बहुत ज्यादा महत्व होता है क्योंकि वो ही विद्यार्थियों का सही मार्गदर्शन करते हैं। देखा जाए तो विद्यार्थी जीवन में पढ़ाई और अनुशासन सीखने के साथ-साथ विद्यार्थी सच्चे दोस्त भी बनाते हैं। तो ऐसे में अगर आपको विद्यार्थी जीवन पर निबंध अलग-अलग शब्दों में लिखना है तो हमारे आज के इस पोस्ट को सारा पढ़ें और जानें विद्यार्थी जीवन पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में। 

विद्यार्थी जीवन पर निबंध

विद्यार्थी जीवन पर निबंध 100 शब्दों में

विद्यार्थी जीवन में सबसे ज्यादा महत्व अनुशासन और शिक्षा का होता है। इसके साथ ही साथ खेलकूद के महत्व को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता। इसीलिए जो विद्यार्थी अपनी पढ़ाई करने के साथ-साथ खेलकूद में भी हिस्सा लेते हैं वो बहुत बुद्धिमान होते हैं। पढ़ाई लिखाई करके जब विद्यार्थी मानसिक रूप से थक जाते हैं तो ऐसे में खेलकूद से उनकी थकान को दूर किया जाता है। इस तरह से अपना पसंदीदा खेल खेलने के बाद विद्यार्थीयों में फिर से उर्जा भर जाती है। विद्यार्थी जीवन ही वह समय होता है जब विद्यार्थी ज्ञान प्राप्त करने के साथ-साथ संस्कार और अनुशासन जैसी चीजें सीखते हैं। 

विद्यार्थी जीवन पर निबंध 150 शब्दों में

किसी भी इंसान के लिए विद्यार्थी जीवन एक स्वर्णिम काल की तरह होता है क्योंकि इस समय वो अपने भविष्य की आधारशिला रखता है। विद्यार्थी जीवन में ही एक छात्र में शारीरिक और मानसिक गुणों के विकास के साथ-साथ आध्यात्मिक गुणों का भी विकास होता है। इस सब में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण योगदान अध्यापक का होता है, जो अपने सभी विद्यार्थियों को शिक्षा देने के साथ-साथ उन्हें सही रास्ते पर भी चलाते हैं। किसी भी इंसान के लिए शिक्षा हासिल करना आसान नहीं होता इसीलिए विद्यार्थियों को अपनी जिंदगी में एक कामयाब इंसान बनने के लिए दिन रात मेहनत करनी पड़ती है। 

किसी भी देश के लिए विद्यार्थी बहुत महत्व रखते हैं क्योंकि वे पढ़ लिख कर अपने देश के गौरव को ऊंचा बनाते हैं। इसके लिए कोई विद्यार्थी वैज्ञानिक बनता है, कोई डॉक्टर बनता है तो कोई इंजीनियर। इसीलिए अध्यापक अपने छात्रों में सहयोग, संयम, विनम्रता, सेवा और सह अस्तित्व जैसे गुणों को विकसित करने के लिए प्रयास करते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि आज के विद्यार्थी आने वाले कल में देश का भविष्य होते हैं। 

विद्यार्थी जीवन पर निबंध 250 शब्दों में

विद्यार्थी जीवन वह समय होता है जब कोई व्यक्ति शिक्षा हासिल करने के लिए किसी स्कूल या फिर कॉलेज में जाता है। विद्यार्थी किसी भी देश के लिए सफलता की कुंजी माने जाते हैं क्योंकि वे देश का भविष्य होते हैं। विद्यार्थी जीवन किसी भी इंसान के जीवन का सबसे सुंदर और यादगार समय होता है। इतना ही नहीं यह किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे कीमती समय भी होता है क्योंकि इसी दौरान उसके चरित्र का विकास होता है। 

विद्यार्थी जीवन का महत्व 

विद्यार्थी जीवन में इंसान बहुत सारी चीजें सीखता है। पढ़ाई लिखाई के अलावा उसे ऐसे बहुत सारे कौशल भी सीखने का मौका मिलता है जो आगे चलकर उसके बहुत काम आते हैं। विद्यार्थी के लिए स्कूल में बिताया गया समय बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है क्योंकि उस समय में या तो उसके व्यक्तित्व को बनाया जा सकता है या फिर खराब किया जा सकता है। विद्यार्थी जीवन में एक छात्र को यह सीखने को मिलता है कि वह अपने जीवन में क्या क्या कर सकता है और इसके अलावा दोस्ती जैसे मजबूत रिश्ते भी विद्यार्थी जीवन में ही बनते हैं।  

विद्यार्थी जीवन के कर्तव्य 

विद्यार्थी जीवन के कर्तव्य एक नहीं बहुत सारे होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं –

  • अपनी पढ़ाई लिखाई पर बहुत ज्यादा मेहनत करनी चाहिए।
  • दूसरे छात्रों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
  • अपने अध्यापक और माता-पिता के लिए सम्मान दिखाना चाहिए।
  • विद्यार्थी जीवन में सोशल मीडिया और मोबाइल पर गेम खेलने से बचना चाहिए।
  • छात्र को चाहिए कि वह अपने व्यक्तित्व और चरित्र के निर्माण पर ध्यान दे।
  • अगर कोई कठिन परिस्थिति आ जाए तो उससे निपटना आना चाहिए। 
  • अपने सहपाठियों की मदद करनी चाहिए। 

विद्यार्थी जीवन पर निबंध 500 शब्दों में

विद्यार्थी जीवन किसी भी इंसान के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण समय होता है। यही वो समय होता है जब छात्रों को नैतिक मूल्यों को ग्रहण करवाया जाता है। इस तरह से यह वह समय है जब कोई भी विद्यार्थी अपने भविष्य को संवारने के लिए सबसे पहली और मजबूत नींव रखता है। विद्यार्थी जीवन में छात्रों को भौतिक सुखों को छोड़कर पूरी मेहनत के साथ शिक्षा को हासिल करना होता है ताकि उनके अंदर मूल तत्वों का विकास हो सके। 

विद्यार्थी जीवन का मतलब 

विद्यार्थी शब्द विद्या+अर्थी से बना है जिसका मतलब होता है विद्या की इच्छा करने वाला। अगर संक्षेप में हम कहें तो विद्यार्थी जीवन का अर्थ होता है किसी भी विषय में निरंतर ज्ञान हासिल करना। जब बच्चा 5 साल का होता है तो तब उसकी शिक्षा का समय शुरू हो जाता है और वो लगभग 25 साल तक की उम्र तक चलता है। वैसे पढ़ाई लिखाई की कोई आयु नहीं होती है और इंसान चाहे तो किसी भी उम्र में शिक्षा हासिल कर सकता है। 

विधार्थी के मुख्य कर्तव्य 

जब कोई व्यक्ति विद्यार्थी जीवन में होता है तो तब उसके कुछ कर्तव्य होते हैं जोकि निम्नलिखित हैं –

  • विद्यार्थी को चाहिए कि वह अपने अंदर विनम्रता का गुण विकसित करें क्योंकि इसे विद्यार्थी जीवन की सबसे पहली सीढ़ी कहा जाता है।
  • विद्यार्थी को चाहिए कि वह अपने जीवन में अनुशासन को महत्व दें क्योंकि जो व्यक्ति अनुशासन को महत्व देता है वह जिंदगी में काफी आगे जा सकता है। 
  • शिक्षा हासिल करने के लिए विद्यार्थी जीवन में व्यक्ति को चाहिए कि वह खूब परिश्रम करें और दिल लगाकर अपनी पढ़ाई करें। 
  • दुनिया के दूसरे सभी सुखों को छोड़कर शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। 
  • ऐसे लोग जो बुरे कार्यों में लीन रहते हैं उनसे विद्यार्थियों को दूर रहना चाहिए।
  • छात्र को चाहिए कि वह अपने विचार ऊंचे रखे लेकिन सादा जीवन जिएं। 
  •  विद्यार्थी के अंदर किसी भी तरह का अभिमान नहीं होना चाहिए। 

विद्यार्थी जीवन में जाने वाली गलतियां 

वैसे तो विद्यार्थी जीवन किसी भी इंसान के लिए सुनहरा समय होता है पर विद्यार्थी जीवन में लोग बहुत सारी गलतियां भी करते हैं जैसे कि – 

  • विद्यार्थी जीवन में बहुत से लोग बुरी आदतें अपना लेते हैं जैसे कि सिगरेट पीना, शराब पीना और देर रात तक अपने घर से बाहर रहना।
  • गलत संगत में पड़ने की वजह से अकसर विद्यार्थी सही रास्ते से हटकर गलत रास्ते की तरफ चले जाते हैं।
  • विद्यार्थी जीवन में ऐसा भी होता है कि वो अपने बड़ों की बातों को ठीक नहीं मानते और उनकी बातों को जरा सा भी महत्व नहीं देते जो कि एक बहुत ही बुरी बात है। 
  • अपने घर की जिम्मेदारियां पूरी करने से भागते हैं और घर के कार्यों में जरा भी दिलचस्पी नहीं लेते। 
  • विद्यार्थी हमेशा अपने ही कामों में लगे रहते हैं और दूसरे कामों की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते।
  • बहुत से विद्यार्थी अपनी पढ़ाई की तरफ ध्यान देना छोड़ देते हैं और दूसरे बेकार के कामों में रूचि लेने लगते हैं। 
  • शिक्षा के महत्व को नहीं समझते और पढ़ाई से जान छुड़ाने की कोशिश करते हैं। 
  • आदर्श विद्यार्थी पर निबंध
  • अनुशासन पर निबंध
  • समय का महत्व पर निबंध
  • ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध

दोस्तों यह था हमारा आर्टिकल विद्यार्थी जीवन पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में। इस लेख में हमने आपको बताया कि विद्यार्थी जीवन पर आप अलग-अलग शब्दों में कैसे निबंध लिख सकते हैं। हमें पूरी आशा है कि आपको विद्यार्थी जीवन पर निबंध अवश्य उपयोगी लगा होगा। अगर आपको हमारा यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे उन लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें जो विद्यार्थी जीवन पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में ढूंढ रहें हैं। 

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विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध

Essay on Importance of Discipline in Students life in Hindi: हम यहां पर विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में छात्र जीवन में अनुशासन का महत्व (Chatra Jeevan Mein Anushasan ka Mahatva) के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

Essay-on-Importance-of-Discipline-in-Students-life-in-Hind

Read Also:  हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध | Essay on Importance of Discipline in Students life in Hindi

विद्यार्थी जीवन और अनुशासन 150 शब्दों में निबंध (vidyarthi jeevan mein anushasan ka mahatva).

अनुशासन हर व्यक्ति के लिए जरूरी होता है। विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन एक अलग ही महत्व रखता है। अनुशासन के जरिए ही विद्यार्थी अपने जीवन में सफलता हासिल करता है। अनुशासन विद्यार्थी को सही रास्ता दिखाने में मदद करता है। ऐसे तो अनुशासन हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। लेकिन विद्यार्थियों के लिए यह अत्यधिक जरूरी इसलिए है क्योंकि विद्यार्थी के जीवन की शुरुआत स्कूल से होती है और स्कूल से ही विद्यार्थी यदि अनुशासन की पालना करता है।

तब विद्यार्थी ना सिर्फ सफलता हासिल करता है बल्कि विद्यार्थी आगे जाकर एक अच्छा और आदर्श नागरिक भी बन सकता है। विद्यार्थी यदि अनुशासन की पालना करता है तो विद्यार्थी के संस्कार की जड़े मजबूत हो जाती है जो भविष्य में और पूरे जीवन व्यक्ति को आदर्श इंसान बनाती है।

अनुशासन व्यक्ति को जीवन जीने का तरीका, बड़ों का सम्मान करना, माता-पिता का आदर करना, अध्यापकों का सम्मान करना, धैर्य रखना और परिश्रम करना सिखाता है। अनुशासन दो प्रकार के होते हैं। एक वह जो हम अपने आपसे सीखते हैं। उसे आत्म अनुशासन कहते हैं और दूसरा जो किसी अन्य को देखकर सीखते हैं उसे प्रेरित अनुशासन कहते हैं।

vidyarthi jeevan mein anushasan nibandh

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध 250 शब्दों में (Vidyarthi Jeevan Mein Anushasan Nibandh)

अनुशासन हमारे जीवन में काफी अहमियत रखता है। यह जीवन में क्रमबद्धता को संदर्भित करता है, जो किसी के भी जीवन में सफलता के लिए आवश्यक है। हर कोई अपने जीवन में अलग-अलग रूप में अनुशासन का पालन करता है। अनुशासन हमें ईमानदार, मेहनती, धैर्यवान, महत्वाकांक्षी, स्वतंत्र और समयनिष्ठ बनाता है। अनुशासन के बिना जीवन रडार के जहाज के समान है।

हम सब जानते है की विद्यार्थी राष्ट्र के भविष्य की संपत्ति हैं। विद्यार्थी जीवन पुरे जीवन की नींव का निर्माण करते हैं इसलिए विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का काफी गहरा महत्व है। एक अनुशासित विद्यार्थी का जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण होता है। अनुशासन हमेशा विद्यार्थी के लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक मार्गदर्शक का काम करता है। एक अनुशासित छात्र अपने लक्ष्य से कभी विचलित नहीं होता और इससे विद्यार्थी अपने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं।

अनुशासन के दो प्रकार है। पहला है प्रेरित अनुशासन और दूसरा है आत्म-अनुशासन। प्रेरित अनुशासन एक ऐसी चीज है जो दूसरे हमें सिखाते हैं या हम दूसरों को देखकर सीखते हैं। जबकि आत्म-अनुशासन भीतर से आता है और हम इसे अपने आप सीखते हैं। विद्यार्थी जीवन में अनुशासन के कई अनगिनत लाभ है। विद्यार्थी के सकारात्मक दिमाग और स्वस्थ शरीर के लिए अनुशासन जरुरी है। अनुशासन विद्यार्थी को तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना है।

अनुशासन विद्यार्थी को पढ़ाई के साथ-साथ जीवन के अन्य क्षेत्रों के प्रति एकाग्र और प्रेरित होना सिखाता है। एक अनुशासित विद्यार्थी अपनी शैक्षणिक संस्थान का गौरव होता है। समाज द्वारा हमेशा उनका सम्मान किया जाता है। अनुशासन के बिना हम एक सफल छात्र की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

vidyarthi jeevan me anushasan ka mahatva essay in hindi

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध 500 शब्दों में (Vidyarthi Jeevan Mein Anushasan ka Mahatva Nibandh)

हिंदी में एक कहावत है कि अनुशासन ही सफलता की कुंजी है। अनुशासन जीवन में आवश्यक व्यवहारों में से एक है। लेकिन दुनिया में कुछ ही लोग अनुशासन से जीवन जीना पसंद करते है। वैसे तो अनुशासन हर उम्र की व्यक्ति के लिए जरुरी होता है लेकिन विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व अधिक होता है। क्योंकि विद्यार्थी जीवन हमारे पूरे जीवन की नींव होती है, जिस पर हमारी जिंदगी की इमारत बनती है।

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन की कमी से बहुत भ्रम और विकार पैदा करते है, जो उनके आने वाले भविष्य को तहसनहस कर देते है। बिना अनुशासन के पढ़ाई करना और सफलता पाना बेहद मुश्किल है। अनुशासन जीवन को क्रमबद्धता प्रदान करता है।

अगर हम विद्यार्थी जीवन में ही अनुशासन का महत्व समझ जाते है तो हमें किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने से कोई नहीं रोक सकता। विद्यार्थी जीवन बाहरी अनुशासन के साथ साथ आत्म अनुशासन बहुत भी महत्वपूर्ण है, जो उनके सिर की इच्छाओं और जुनून को रोकने में मददगार साबित होता है।

वर्तमान समय में माता-पिता अपने व्यस्त करियर के कारण अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं, जिसके कारण बच्चे अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए टीवी, मोबाइल, इंटरनेट का सहारा लेते हैं और वो अनुशासन से जीना छोड़ देते है। देर रात तक जागना, सुबह देर से उठना, अपने मित्रों के साथ पार्टी करना आजकल फैशन बन गया है, जो आने वाले समय के लिए खतरे की घंटी है। विद्यार्थी जीवन में अगर अनुशासन का अभाव हो तो उदासी, चिड़चिड़ापन, कुसंगति जैसे लक्षण का हमारी जिंदगी में प्रवेश हो जाता है।

विद्यार्थी के लिए अनुशासन का रूप यह है कि वह नियमित रूप से अपने स्कूल जाता है, हमेशा अपने शिक्षकों का सम्मान करता है और जो उसने कहा है उस पर अमल करता है, स्कूल के सभी छात्रों के साथ अच्छा व्यवहार करता है, उनका सामाजिककरण करके उनके साथ मित्रवत व्यवहार करता है।

हमेशा अपने से बड़े लोगों का सम्मान करें, पढ़ाई के दौरान अपना ध्यान कहीं और न लगाएं, हमेशा एकाग्रता से पढ़ाई करें, अपने माता-पिता का सम्मान करें और उनके कहे अनुसार काम करें। अनुशासन की अवहेलना करने वालों की तुलना में अनुशासित बच्चा अपने करियर को अधिक आसानी से और स्वतंत्र रूप से चुन सकता है।

अनुशासन के द्वारा ही बच्चों में धैर्य, संयम, नियमितता जैसे गुण आते है, जो उनके जीवन में सफलता पाने के लिए बेहद जरुरी है। अनुशासन बच्चों के दिमाग पर बहुत प्रभाव डालता है। किसी भी व्यक्ति के बहेतर चरित्र का निर्माण केवल अनुशासन से ही हो सकता है। इसलिए विद्यार्थी को अनुशासन का महत्व समझना बेहद जरुरी है।

अनुशासन एक राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और समाज में शारीरिक और नैतिक कानूनों के प्रति सम्मान प्रदर्शित केवल अनुशासन के द्वारा ही हो सकता है। हम सभी जानते हैं कि विद्यार्थी राष्ट्र की भविष्य की संपत्ति हैं। राष्ट्र के एक सुनहरे भविष्य के लिए अगर हम विद्यार्थी जीवन में ही अनुशासन की नींव डाल देते है तो बच्चे आगे जाकर देश के विकास में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देते है और देश को प्रगति के पथ पर ले जाते है।

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध (800 शब्द)

जीवन जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। विद्यार्थी जीवन ही व्यक्ति के संपूर्ण जीवन का आधार होता है। किसी व्यक्ति का भविष्य जीवन की इस अवधि पर निर्भर करता है। यदि यह आधारशिला कमजोर हो तो भविष्य कठिनाइयों से भरा होगा और असफलता का सामना भी करना पड़ सकता है। इन सबके लिए अनुशासन एक बहुत जरूरी चीज है।

अनुशासन ही विद्यार्थी जीवन की सफलता की कुंजी है। सिर्फ अनुशासन ही विद्यार्थी को जीवन में एकाग्र, स्वतंत्र, समयनिष्ठ और महत्वाकांक्षी बनाता है। दूसरों का सम्मान करना और आज्ञाकारी रहना अनुशासन का सिद्धांत है। अनुशासन विद्यार्थी को तनाव मुक्त जीवन देता है और साथ साथ आत्मविश्वास को बढ़ाता है। 

अनुशासन का महत्व

अनुशासन वह प्रकृति है जो प्रकृति द्वारा बनाई गई हर चीज में मौजूद है। हमारा ब्रह्मांड भी अनुशासन को अनुसरण करता है। तारे, ग्रह, चंद्रमा और सूर्य  अपनी निश्चित धरी और गति पर ही घूमते है। यदि ब्रह्मांड की वस्तुएं कुछ नियमों के अनुसार काम करना बंद कर देती हैं तो चारों ओर अराजकता और अव्यवस्था फैल जाएगी।

अनुशासन हमारे जीवन को नियंत्रित करता है। यह हमारे जीवन को जीने लायक बनाता है। विद्यार्थियों को बचपन से ही अनुशासन में रहना सिखाया जाना चाहिए ताकि उनमें अच्छे गुणों का विकास हो सके और भविष्य में किसी भी प्रकार की कठिनाई में वे स्वयं को सफल व्यक्ति के रूप में पहचान सकें। सिर्फ अनुशासन लक्ष्य और सफलता के बीच एक पुल की तरह काम करता है।

अनुशासन के प्रकार

वैसे तो पुरे जीवन में अनुशासन के कई रूप होते है लेकिन  विद्यार्थी जीवन में अनुशासन के दो प्रकार है। पहला है प्रेरित अनुशासन, जिस में विद्यार्थी दूसरों को देखकर सीखते हैं या किसी महान विभूति के जीवन से प्रेरणा लेकर सीखते है। दूसरा है आत्म-अनुशासन, जो हमारे भीतर से आता है और हम इसे अपने आप सीखते हैं। आत्म-अनुशासन सही और गलत के बीच अंतर करने में मदद करता है। व्यक्ति सही निर्णय लेता है और सकारात्मकता फैलाता है।

अनुशासन के लाभ

अनुशासन ही विद्यार्थी को श्रेष्ठता प्रदान करता है। उसे संस्थान और समाज में उत्तम स्थान दिलाने में सहायता करता है। अनुशासन विद्यार्थी को धैर्यवान और संयमित बनाता है। यह विद्यार्थी को शांत रहने में मदद करता है। अनुशासन की वजह से विद्यार्थी अपने निश्चित लक्ष्य को आसानी से हांसिल कर पाते है। अपने दैनिक जीवन में क्रमबद्धता सिर्फ अनुशासन से ही आती है ।

विद्यार्थी को अनुशासन से सकारात्मक दृष्टिकोण प्राप्त होता है। इन में समझदारी का विकास होता है। समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। अनुशासन जीवन में ईमानदारी और नैतिकता जैसे गुणों का विकास करता है। अनुशासन के कारन विद्यार्थी कभी बुरी संगत में नहीं पड़ता। अनुशासन से विद्यार्थी में नेतृत्व के गुण विकसित कर सकते हैं। अनुशासन आपको जिम्मेदार होना सिखाता है।

विद्यार्थी के लिए किताबी शिक्षा के साथ साथ  शारीरिक शिक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। शारीरिक शिक्षा केवल अनुशासन से ही मिलती है। अनुशासन आत्म-नियंत्रण और समर्पण जैसी भावना का विकास होता है। जो खुद को नियंत्रित नहीं कर सकता वह दूसरों को नियंत्रित कभी नहीं कर सकता। यह आपके सहनशीलता के स्तर को भी बढ़ाता है।

अनुशासनहीनता के नुकसान

अनुशासन के अभाव में विद्यार्थी एकाग्रता का अध्ययन नहीं कर पाता है। अनुशासन की कमी के कारण विद्यार्थी चिड़चिड़े हो जाते हैं। विद्यार्थी को छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आने लगता है। अनुशासन के बिना विद्यार्थी में धैर्य और आत्म-संयम की कमी हो जाती है और वह हर कार्य को शीघ्रता से करना चाहता है।

वह अपने से बड़े लोगों का सम्मान नहीं करता है। विद्यार्थी बड़े सपने देखता है लेकिन अनुशासन की कमी के कारण उनमें सफल नहीं हो पाता। वह उस कार्य को कभी पूरा नहीं कर पाता। अनुशासन की कमी के कारण विद्यार्थी काम की चोरी करना शुरू कर देता है। वह उसे दिया गया काम कभी नहीं करता है और बहाने बनाने लगता है।

अनुशासन की कमी के कारण उनकी शिक्षा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अनुशासन की कमी के कारण विद्यार्थी परीक्षा में सफल नहीं हो पाता और निराश हो जाता है, जिसका परिणाम बहुत ही खराब होता है। उसका भविष्य खतरे में पड़ जाता है।

विद्यार्थी एक कोरे कागज की तरह होता है, जिसमें कुछ भी लिखा जा सकता है। यदि छात्र को उचित समय पर सही शिक्षा नहीं मिलती है तो वह अपने लक्ष्य से भटक सकता है और गलत रास्ते पर जा सकता है, इसलिए विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व ओर भी बढ़ जाता है। अनुशासन के बिना विद्यार्थी जीवन की कल्पना करना मूर्खतापूर्ण है।

विद्यार्थी हमारे देश की भावी पीढ़ी हैं, जो आगे बढ़कर हमारे देश का निर्माण करेंगे। अगर विद्यार्थी अनुशासन में रहना नहीं जानते हैं तो वे देश को तबाही की दिशा में ले जायेंगे। विद्यार्थी को अपने विद्यार्थी जीवन में काफी अनुशासित रहना चाहिए। जो अनुशासित होता है वह जीवन में ऊँचा उठता है। महापुरुषों का जीवन अनुशासन का उदाहरण है।

हमने यहां पर  “विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध (Essay on Importance of Discipline in Students life in Hindi)” शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

  • आदर्श विद्यार्थी पर निबंध
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  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध

Rahul Singh Tanwar

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Comments (5).

Sir Very Nice Essay

Inspirative essay 👍👍

Good nibandh sir

Best website for kids

Very nice nibandh

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पेड़ों पर निबंध (100, 150, 200, 250,300, शब्दों मे वृक्ष निबंध) – Tree Essay in Hindi

life essay in hindi

Tree Essay in Hindi – पेड़ हमारे सबसे अच्छे मित्र हैं जो हमें जीवन भर साथ देते हैं। वे हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन देते हैं जिसके बिना हम जीवित नहीं रह सकते। पेड़ों से हमें भोजन, दवा, आश्रय आदि मिलता है। पेड़ हवा की गुणवत्ता में सुधार करते हैं, जलवायु में सुधार करते हैं, पानी का संरक्षण करते हैं, मिट्टी को संरक्षित करते हैं और वन्य जीवन का समर्थन करते हैं। पेड़ हमारे पर्यावरण और पारिस्थितिकी को जीवंत और सुखद बनाते हैं। वे तापमान बनाए रखते हैं और परिवेश को ठंडा रखते हैं।

पेड़ों का महत्व

जीवन के हर क्षेत्र में वृक्षों का महत्व बहुत अधिक है। हमारे स्वास्थ्य से लेकर निवास तक हर जगह पेड़ों का महत्व देखा जा सकता है। पौधों के रस से कई औषधियां तैयार की जाती हैं। लगभग सभी रोगों का उपचार करने वाला आयुर्वेद पेड़-पौधों पर आधारित है। हमारे घर के लिए सुंदर फर्नीचर लकड़ी से बने होते हैं जो हमें पेड़ों से मिलते हैं। पेड़ पृथ्वी पर कई वन्यजीवों को आश्रय भी प्रदान करते हैं। कई उद्योग जैसे फर्नीचर, लुगदी और कागज, डेंड्रो बायोमास बिजली उत्पादन उद्योग आदि पेड़ों पर आधारित हैं। ये उद्योग हर देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं और इस प्रकार देश के विकास में मदद करते हैं।

वृक्ष पर निबंध 10 लाइन (Tree Essay 10 lines in Hindi)

  • पेड़ पृथ्वी का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
  • वे कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं और हमें ऑक्सीजन देते हैं। ऑक्सीजन के बिना इंसान 2 मिनट भी जिंदा नहीं रह सकता है।
  • हजारों प्रकार के पेड़ हैं। पृथ्वी पर प्रत्येक देश में पौधे और पेड़ हैं।
  • पेड़ पर्यावरण को ठंडा रखते हैं। ये हानिकारक गैसें लेकर हवा को भी साफ करते हैं।
  • वृक्षों द्वारा दी गई रुई का उपयोग मनुष्य द्वारा पहने जाने वाले कपड़े बनाने में किया जाता है।
  • वे हमें लकड़ी देते हैं जिसका उपयोग किताबें, खिड़कियां बनाने और जलाने के लिए भी किया जाता है।
  • पेड़ हमें सेब, आम, केला, संतरा, कीवी आदि फल देते हैं।
  • बहुत से पेड़ो का उपयोग दवाई बनाने के लिए किया जाता है जो हमें बिमारियों से दूर रखती है।
  • जंगल हजारों जानवरों जैसे शेर, बाघ, हिरण, बंदर आदि का घर हैं।
  • हम पेड़ों के बिना नहीं रह सकते। इसलिए हमें हमेशा पेड़ों की रक्षा करनी चाहिए और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए।

इनके बारे मे भी जाने

वृक्ष पर निबंध 100 शब्द (Tree Essay 100 words in Hindi)

पेड़ हमारे जीवन में महत्वपूर्ण हैं। पेड़ों के बिना जीवन बेहद कष्टमय हो जाएगा। हम कह सकते हैं कि जीवन हो जाएगा क्योंकि एक ठोस और अच्छी तरह से जीवन देने वाला एक पेड़ सबसे महत्वपूर्ण कोण है।

आजकल लोग बड़े चाव से पेड़ों को काट रहे हैं; अगर यह जारी रहा तो एक दिन ऐसा आएगा जब हमारे पास कोई पेड़ नहीं बचेगा। पेड़ हमें ऑक्सीजन देते हैं, जो हमारी सांसों के लिए जरूरी है।

दरअसल, पेड़ मिट्टी के क्षरण को रोक सकते हैं। इसलिए, हमें पेड़ों के महत्व को समझना चाहिए, और जब भी हम किसी एक को काट रहे हों, हमें एक पेड़ लगाना चाहिए।

वृक्ष पर निबंध 150 शब्द (Tree Essay 150 words in Hindi)

पेड़ पृथ्वी पर जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं। वृक्षों के बिना पृथ्वी मृत और शुष्क हो जाएगी। किसी भी तरह से पानी नहीं होगा, बारिश नहीं होगी और जंगल नहीं होगा। पेड़ हमें ऑक्सीजन, छाया, जमीन से उपजे खाद्य पदार्थ ज्यादा देते हैं। वे लगभग 10,000 प्रकार के पक्षियों के लिए एक घर के रूप में भी काम करते हैं – पेड़ वनों का निर्माण करते हैं। पेड़ों के बिना जंगल नहीं होगा।

लोगों और जीवों को जीने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। दरअसल, मछलियों को भी अपने गलफड़ों में ऑक्सीजन की जरूरत होती है। पेड़ उस ऑक्सीजन को बनाते हैं। पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन (O2) देते हैं। दो बड़े पेड़ आपके परिवार के लिए एक साल का ऑक्सीजन पैदा कर सकते हैं। पेड़ों के बिना जीवन नहीं होगा।

उड़ने वाले जीवों का घर पेड़ों पर होता है। यह उनका मुख्य घर है। ये अतिरिक्त रूप से पेड़ों से भोजन प्राप्त करते हैं। लोग पेड़ों द्वारा दिए गए प्राकृतिक उत्पादों को भी खाते हैं। साथ ही इसे बाजार में नगद में बेच देते हैं। कुछ पेड़ हमें दवा, तेल और इलास्टिक आदि देते हैं। पेड़ बारिश के दौरान गंदगी को पकड़ कर रखते हैं।

वृक्ष पर निबंध 200 शब्द (Tree Essay 200 words in Hindi)

पेड़ पृथ्वी पर जीवन के लिए भगवान का सबसे प्रमुख आशीर्वाद हैं। वे ऑक्सीजन, भोजन, आश्रय और वर्षा देते हैं। पेड़ अतिरिक्त रूप से हवा को चैनल करते हैं और इसे स्वच्छ बनाते हैं। वृक्षों की जड़ें गन्दगी को बाँधकर उत्तम रखती हैं। पंख वाले जानवरों और प्राणियों के लिए, एक पेड़ एक घर जैसा दिखता है। यह एक विशिष्ट रूफटॉप ओवरहेड जैसा दिखता है।

पेड़ों के बिना, पक्षियों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। उनके पास घर जाने और अंडे देने के लिए कोई जगह नहीं होगी। जल्द ही, इनमें से हर एक जीव धूल खाएगा। वे गर्मियों में पेड़ों के नीचे आराम करते हैं और इसी तरह बारिश से छिप जाते हैं। जीव और पंख वाले जानवर पेड़ों के उत्पाद खाते हैं: पेड़ पक्षियों और छोटे जीवों को उनके शिकारियों से बचाते हैं।

पेड़ तब तक हमारी मदद करते हैं जब तक वे खुद जीवित रहते हैं। वे इसी तरह तापमान की निगरानी में मदद करते हैं। ये गर्मियों में हवा को ठंडा करने में मदद करते हैं। हाथी और अन्य जीव पेड़ों की पत्तियों को खाते हैं।

जब वे गुजरते हैं तो वे किसी भी घटना में उपयोगी होते हैं। इनकी लकड़ी का उपयोग फर्नीचर बनाने में किया जाता है। इसे खाना बनाने और गर्म करने के लिए तला जाता है। गिरी हुई पत्तियाँ कमाल की खाद हैं। पेड़ कई सालों तक जीवित रहते हैं और हमारी मदद करते हैं। जितनी संख्या में अनुमति मिल सकती है, उतनी संख्या में हमें पौधे लगाने चाहिए। हमें भी किसी पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए और उसे जीवित रहने देना चाहिए।

वृक्ष पर निबंध 250 शब्द (Tree Essay 250 words in Hindi)

पेड़ विभिन्न आकृतियों और आकारों में आते हैं। कुछ विशाल होते हैं जबकि कुछ छोटे होते हैं, कुछ मोटे होते हैं और अन्य के तने सख्त होते हैं। दूसरे के तने सुन्दर और नाजुक होते हैं। कुछ मिट्टी के उत्पाद फूल देते हैं। जो भी हो, उनमें से प्रत्येक एक आशीष है—एक आशीष परमेश्वर ने हमें लक्ष्य दिया है कि हम विश्राम कर सकें।

हम चारों ओर ध्यान देने योग्य लेते हैं और ऑक्सीजन लेते हैं। वही ऑक्सीजन जो पेड़ पैदा करते हैं। क्या हम बिना ऑक्सीजन के रह पाएंगे? उपयुक्त प्रतिक्रिया नहीं है। यह उत्तर स्पष्ट करता है कि पृथ्वी पर जीवन के लिए पेड़ कितने महत्वपूर्ण हैं। वे दुनिया के जीवन भावनात्मक रूप से सहायक नेटवर्क हैं।

पेड़ों का भी असाधारण व्यापारिक सम्मान है। कागज बनाने के लिए पेड़ों की लकड़ी के मैश का उपयोग किया जाता है। उनका उपयोग खिड़कियां और प्रवेश द्वार बनाने के लिए किया जाता है। पेड़ बारिश के दौरान पानी रोकते हैं। यह पानी एक भूमिगत जल भंडार को भरता है। वे वैसे ही मिट्टी को बचने से रोकते हैं।

पेड़ स्कूलों में बच्चों को छाया भी देते हैं। ब्रेक के दौरान युवा पेड़ों के नीचे बैठकर खेलते हैं। पेड़ किसी स्थान को अद्भुत बनाते हैं। वे अशांति और संदूषण को कम करते हैं। पेड़ भी धूल को रोककर हवा को साफ रखते हैं।

पेड़ पंख वाले जीवों, गिलहरियों और कीड़ों के लिए घर हैं। पेड़ परिसंचरण तनाव और तनाव को कम करने के लिए जाने जाते हैं। पुराने पेड़ों में खोखले होते हैं जिनमें छोटे जीव और उड़ने वाले जीव रहते हैं। पेड़ कई सालों से हमारी मदद करते आ रहे हैं। कुछ धर्म पेड़ों को भगवान के रूप में मानते हैं। वे पेड़ के नीचे पूजा करते हैं और उसकी देखभाल करते हैं। हम सभी को एक पेड़ के बारे में सोचना चाहिए और दूसरा पौधा लगाना चाहिए। अच्छा होगा कि आप अपने घर में एक पौधा लगाएं। सड़क के किनारे एक और पेड़ लगाने से दूसरे लोगों को मदद मिलेगी।

पेड़ पर निबंध 300 शब्द (Tree Essay 300 words in Hindi)

पेड़ जीवित प्राणियों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और वे पृथ्वी पर हमारे अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण हैं। वे हमें जीवन के दो आवश्यक घटक प्रदान करते हैं जो भोजन और ऑक्सीजन हैं। इनके अलावा, पेड़ भी मनुष्य को कई लाभ प्रदान करते हैं और इस प्रकार उन्हें जीवन का सबसे आवश्यक हिस्सा माना जाता है।

पेड़ और पौधे ही हैं जो CO2 ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं जो हमारे जीवन को आगे बढ़ाते हैं। मनुष्य को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन सबसे आवश्यक तत्व है। साथ ही, कार्बन डाइऑक्साइड एक ग्रीनहाउस गैस है जो ग्लोबल वार्मिंग की ओर ले जाती है। अत: प्रकृति का यह चक्र पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। इसलिए वनीकरण से हवा शुद्ध होगी और ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में भी मदद मिलेगी।

वृक्ष एक समृद्ध और समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र की ओर भी ले जाता है जिसमें पशु, पक्षी, कीड़े और कई अन्य जीवित प्राणी अपने अस्तित्व और जीवन के लिए पेड़ों पर निर्भर होते हैं। पेड़ खाद्य श्रृंखला के निचले भाग में मौजूद होते हैं क्योंकि वे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के माध्यम से अपना भोजन स्वयं बना सकते हैं। इस प्रकार, वे बड़े पैमाने पर पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान करते हैं और पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ बनाते हैं। इसके अलावा, कई प्रकार की आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाएं पेड़ों से बनाई जाती हैं जिनका उपयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है।

पेड़ पारिस्थितिकी तंत्र में पानी के संतुलन को भी बनाए रखते हैं, पेड़ों की जड़ें इस तरह से बनाई जाती हैं कि यह मिट्टी को मजबूती से पकड़ कर रखता है और बारिश और बाढ़ के दौरान इसे बहने नहीं देता है, इसलिए ये मिट्टी के कटाव और भूस्खलन को रोकने में मदद करते हैं।

पेड़ हवा और भोजन का एक समृद्ध स्रोत हैं और प्रकृति की सौंदर्य सुंदरता में भी योगदान करते हैं। लोग पेड़ों की गोद में आनंद लेते हैं क्योंकि प्रकृति स्वयं एक महान तनाव बस्टर है और लोगों को अच्छा और सक्रिय महसूस कराती है। पेड़ चिलचिलाती गर्मी में छाया भी देते हैं और हमें अपनी शांत और ठंडी हवा से राहत देते हैं।

इसलिए पेड़ मानव जीवन का अहम हिस्सा हैं। वे दवा और लकड़ी उद्योग में इसके विभिन्न उपयोगों के कारण देश के आर्थिक विकास में भी मदद करते हैं। इसलिए यह हमारा कर्तव्य है कि हम भगवान के ऐसे सुंदर प्राणियों को संरक्षित करें और इस प्रकार हमें वृक्षारोपण को बढ़ावा देना चाहिए और पेड़ों के लिए हानिकारक गतिविधियों को हतोत्साहित करना चाहिए।

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पेड़ों पर अनुच्छेद पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

पेड़ हमारे लिए कैसे महत्वपूर्ण हैं.

पेड़ महत्वपूर्ण हैं। पृथ्वी पर सबसे महान पौधों के रूप में, वे हमें ऑक्सीजन देते हैं, कार्बन जमा करते हैं, गंदगी को संतुलित करते हैं और दुनिया के प्राकृतिक जीवन को जीवन प्रदान करते हैं।

यूके में सबसे व्यापक रूप से पहचाने जाने वाले पेड़ कौन से हैं?

सिल्वर बर्च, ओक, बर्च और स्वीट चेस्टनट ब्रिटेन में पाई जाने वाली सबसे बुनियादी वृक्ष प्रजातियाँ हैं।

पेड़ों में क्या होता है?

पेड़ चीनी के कण बनाने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड से कार्बन का उपयोग करते हैं। वुडी टिश्यू और पेड़ों की छाल में पेड़ के बायोमास का विशाल बहुमत शामिल होता है। लकड़ी और छाल सेल्युलोज के बने होते हैं।

पृथ्वी पर पहला पेड़ कौन सा था?

पहला पेड़ वाटिज़ा था, जिसके जीवाश्म 2007 में न्यूयॉर्क राज्य में पाए गए थे, जो मध्य डेवोनियन (लगभग 385 मिलियन वर्ष पूर्व) में वापस जा रहे थे।

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जल बचाओ जीवन बचाओ पर निबंध (Save Water Save Life Essay in Hindi)

पृथ्वी पर जीवन के लिए जल का होना बहुत ही आवश्य है क्योंकि जल भी वायु के तरह ही मानव जीवन के लिए बहुत ही जरूरी है। सभी जीवित जीव फिर चाहे वह मनुष्य हो या फिर दूसरे जीव-जन्तु हो या पेड़ पौधे सभी अपने जीवन के लिए ताजे पानी पर निर्भर करते हैं। इसी जल बचाओ पृथ्वी बचाओ विषय पर हमने आप के लिए छह निबंध तैयार किये हैं, जोकि आपके काफी काम आयेंगे। इसके साथ ही इन निंबधों में जल संरक्षण के तरीकों और आवश्यकता के विषय में भी बताया गया है। इन निबंधों को तैयार करते वक्त इसमें हमें जल सरक्षण की आवश्यकता क्यों है? तथा जल संरक्षण के लिए चलाये जाने वाले अभियान, जल संरक्षण का महत्व जैसे विषयों को ध्यान में रखा है।

जल बचाओ जीवन बचाओ पर छोटे तथा बड़े निबंध (Long and Short Essay on Save Water Save Life in Hindi, Jal Bachao Jivan Bachao par Nibandh Hindi mein)

आप अपनी आवश्यकता अनुसार जल बचाओ जीवन बचाओ विषय पर दिये गये इन निबंधो का उपयोग कर सकते हैं। इन निबंधो के माध्यम से हमने जल के महत्व, जल संरक्षण क्यों आवश्यक है, जल का क्या महत्व है, जल संरक्षण जागरुकता के लिए कौन से विभिन्न तरीके है, जल सरंक्षण के क्या तरीके है, जीवन के रक्षा के लिए जल कैसे बचाये, हमें जल बचाने की आवश्यकता क्यों है, जल को जीवन क्यों कहा जाता है, जल संरक्षण अभियान क्या है जैसे प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास किया है।

जल के महत्व पर निबंध 1 (200 शब्द)

वायु के बाद जल वह दूसरा सबसे महत्वपूर्ण संसाधन है जो पृथ्वी पर जीवन के लिए सबसे आवश्यक है। पीने के अलावा जल का कपड़े धोने, खाना बनाने, साफ-सफाई करने जैसे अन्य कई कार्यों के लिए भी उपयोग किया जाता है। पानी मनुष्यों और जीव-जन्तुओ के साथ ही पेड़-पौधों के लिए भी बहुत ही आवश्यक है। जल जैसी हमारी यह महत्वपूर्ण प्राकृतिक संपदा कृषि के साथ ही उद्योगों के लिए भी बहुत ही आवश्यक है।

जल का महत्व

पृथ्वी पर जीवन के शुरुआत से ही जल एक बहुत ही महत्वपूर्ण संसाधन रहा है और यहीं कारण है कि विश्व की सभी प्रमुख सभ्यताओं का उदय नदियों के किनारे ही हुआ है। भारत के कई बड़ो शहरों के विकास में नदियों का काफी बड़ा योगदान रहा है क्योंकि नदियों के रास्ते परिवहन का कार्य काफी सुगमता से हो जाता है। आज के समय में वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर जीवन की संभवनाओं की तलाश कर रहे हैं क्योंकि उन्हें वहां पानी का कुछ जमा हुआ अंश और वायु में नमी मिली है। इस विषय की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम कहीं भी जल द्वारा ही जीवन की संभवना की परिकल्पना करते है, यहीं कारण है कि जल को जीवन भी कहा गया है।

पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन के लिए भी जल काफी महत्वपूर्ण है, जैसे कि समुद्र से वाष्पित हुआ पानी, वायु में मिलकर बादल बन जाता है। जब बादल समुद्र से मैदानी इलाकों में पहुंच कर ठंडा होता है तो यह पानी में बदल जाता है और वर्षा के रुप में नदियों तथा जल स्त्रोतों को भर देता है।

जल बचाओ जीवन बचाओ :  जल संरक्षण के महत्व पर निबंध 2 (300 शब्द)

जल बचाओ जीवन बचाओ का यह नारा अब हमारे लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय बन चुका है। यह तो हम सब जानते है कि पृथ्वी पर जीवन के लिए जल भी वायु के समान ही काफी आवश्यक है लेकिन इस विषय में सबसे चिंता की बात यह है कि पृथ्वी पर स्वच्छ ताजे पानी की मात्रा दिन-प्रतिदिन घटती ही जा रही है। पानी के कमी के कारण विश्व भर में सूखा, कई तरह की बीमारियां, प्राकृतिक प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही है परन्तु इस विषय की सबसे दुखद बात यह है कि लोग अभी भी जल संरक्षण के महत्व को लेकर पूर्ण रुप से जागरुक नही हो रहे है।

जल संरक्षण का महत्व

प्रकृतिक चक्र पूर्ण से जल पर निर्भर करता है क्योंकि जबतक जल वाष्प बनकर वायु में नही मिलेगा तब तक वर्षा नही होगी। जिसके कारण फसलें खराब हो जायेंगी और इसकी सबसे बुरी बात यह होगी की इसके कारण सूखे की समस्या भी उत्पन्न हो जायेगी। प्रत्येक जीवित व्यक्ति चाहे फिर वह मनुष्य हो, जानवर हो या फिर पेड़-पौधे सभी को पानी की आवश्यकता होती है और हमारे द्वारा यह पानी सिर्फ पीने के लिए ही नही उपयोग किया जाता है बल्कि की कपड़े धोने, पोछा लगाने, खाना पकाने और कृषि कार्यों तथा पावर प्लाटों  जैसे औद्योगिक कार्यों में भी उपयोग किया जाता है।

भारत के कई सारे क्षेत्रों में ताजे पानी की उपलब्धता या तो बहुत कम है या फिर बिल्कुल ही नगण्य है। इन जगहों पर लोगों को अपने दैनिक कार्यों के लिए पानी लाने के लिए मीलों दूर तक जाना पड़ता है। पीने का यह पानी सभी जीवित व्यक्तियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है और यदि हमने अभी भी इसके संरक्षण को लेकर कार्य नही किया तो आने वाले समय में हमारे अस्तित्व पर भी संकट आ जायेगा।

शहरीकरण में जल का उपयोग

ज्यादेतर शहर नदियों के किनारे बसे होते हैं क्योंकि प्रत्येक उद्योग को विभिन्न प्रकार के उत्पादन के लिए जल की आवश्यकता होती है, फिर चाहे वह कपड़ा बनाने का कार्य हो, धोने का कार्य हो, ठंडा करने का कार्य हो या फिर घोलने का हर काम में पानी की आवश्यकता होती ही है। इसके अलावा जल का सबसे बड़ा उपयोग बिजली बनाने में भी किया जाता है।

पृथ्वी पर मौजूद असंख्य प्राकृतिक संसाधन जल के सहायता से ही निर्मित होते है, ताजा और पीने का पानी हमारा सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकताओं में से एक है जो हमारे स्वस्थ्य जीवन को बरकरार रखता है। बिना जल सरंक्षण किये, पृथ्वी पर जीवन को अब और नही बचाया जा सकता है, इसलिए यह काफी महत्वपूर्ण है कि हम जल संरक्षण के कार्यों को लेकर और भी संजीदा हो, ताकि हमारे ग्रह पर जीवन ऐसे ही फलता-फूलता रहे।

जल बचाओ पृथ्वी बचाओ : जन जागरुकता पर निबंध – 3 (400 शब्द)

पृथ्वी के सभी जीवों के लिए जल एक बहुमूल्य संपदा है और इसके बिना जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है। यह कहना काफी दुखद है कि भले ही पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग पानी से ढंका हुआ हो लेकिन फिर भी हमारे ग्रह से दिन-प्रतिदिन पीने का स्वच्छ पानी समाप्त होता जा रहा है। यहीं कारण है कि कई सारे देशों में जल बचाओ जीवन बचाओ जैसे विषय को लेकर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों और सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है।

जन जागरुकता लाने के लिए उठाये जा सकने वाले विभिन्न कदम

वर्तमान समय में लोग जल संसाधनों में कमी, गिरते भूजल स्तर, सूखे और वर्षाजल संरक्षण जैसे विषयों को लेकर कई तरह की बाते कर रहे है। इसमें सबसे बड़ा मुद्दा भूजल संसाधनो के दोहन का है, जोकि आज के समय में एक वैश्विक समस्या बन गया है। हमें हमेशा से ही बताया जाता है कि पृथ्वी का 71 प्रतिशत भाग पानी से ढका हुआ लेकिन इसमें से मात्र 3.5 प्रतिशत ही ताजा पानी है, जिसका हम सेवन कर सकते है बाकि का जल समुद्री पानी के रुप में मौजूद है। जिसका हम प्रत्यक्ष रुप से सेवन नही कर सकते है।

इस समस्या को सुलझाने के लिए हमें सभी लोगों में सामाजिक जागरुकता लाने की आवश्यकता है क्योंकि आज के समय में पूरा विश्व ही जल रिक्तिकरण की इस समस्या से जूझ रहा है।

  • संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रत्येक वर्ष 22 मार्च के दिन “विश्व जल दिवस” मनाया जाता है, इसके अंतर्गत लोगों को ताजे पानी के संसाधनो के प्रबंधन के विषय में समझाया जाता है।
  • भारत सरकार भी जल संसाधनों के सही संरक्षण और प्रबंधन को लेकर लोगों में कई सारे जन जागरुकता अभियान चला रही है।
  • भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा इस मुद्दे पर लोगों को जागरुक करने के लिए कई सारे विभाग बनाये गये हैं। इसके अलावा इस कार्य के लिए मंत्रालय भी है, जिसका नाम ‘पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय’ है जो गंगा तथा अन्य नदियों के सफाई का कार्य करती है।
  • केंद्रीय भूजल बोर्ड द्वारा भी भूजल संरक्षण, वर्षा जल संग्रहण और कृत्रिम पुनरभरण को लेकर कई सारे कार्यक्रम चलाये जाते है।
  • आध्यत्मिक गुरु “श्री जग्गी वासुदेव” ने लोगों में “रैली फार रीवर” जैसे अभियान चलाकर लोगों में जागरुकता लाने का प्रयास किया है। उन्होंने नदीयों को फिर से जीवंत करने के लिए नदियों के किनारे कम से कम एक किलोमीटर तक पेड़ लगाने का सुझाव दिया है। इसी तरह सरकारी भूमि या फिर कृषि भूमि के किनारे भी पेड़ लगाये जा सकते है। इसे तरह से लगाये गये यह पेड़ सुनिश्चित करेंगे कि हमारी नदियों को पूरे साल नम मिट्टी उपलब्ध हो। यह बाढ़, सूखे के कारण होने वाले मिट्टी के कटाव को भी कम करेगा जो कि अंततः किसानों की आय में वृद्धि करेगा।

हम सभी को अपने जीवन में जल के इस महत्व को समझना होगा क्योंकि इसके कमी के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याएं बहुत ही गंभीर होंगी। इस विषय को लेकर सरकार और कई सारे एनजीओ भी लोगों में जागरुकता फैलाने का कार्य कर रहें है। इसीलिए हमारे ग्रह पर उपलब्ध यह जल बहुत ही बहुमूल्य है और हमें इसे किसी प्रकार से व्यर्थ नही करना चाहिए।

जल संरक्षण करो जीवन बचाओ निबंध – 4 (500 शब्द)

ग्लोबल वार्मिंग के कारण उत्पन्न हुई सबसे बड़ी समस्या भारी मात्रा में जल का ह्रास होना है और इसका एक दूसरा मुख्य कारण जल का दुरुपयोग करना भी है। आज के समय में यह काफी जरूरी है कि हम जल बचाओ जीवन बचाओ जैसे वाक्य के अर्थ को समझे। ताजा पानी हमारे उन तमाम जरूरतों में से सबसे मुख्य है, जो हमारे स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक है।

जल संरक्षण करने के क्या – क्या तरीके हैं?

पृथ्वी पर भंयकर सूखे जैसे जल संकट को टालने के लिए हमसब को जल का कम से कम और अच्छे तरीके से उपयोग करना होगा। इस निबंध में हमने इस बात पर प्रकाश डालने की कोशिश की है जल संरक्षण कैसे किया जाय, जिससे की वातावरण की सुदंरता को ऐसे ही बरकरार रखा जा सके। अगर इन बातों पर हम गंभीरतापूर्वक गौर करेंगे तो हमें पता चलेगा कि यह कार्य कोई बहुत मुश्किल नही है। सर्वप्रथम हमें इसकी शुरुआत अपने दैनिक कार्यों से करनी होगी।

हमारे युवा पीढ़ी को “जल बचाओ पृथ्वी बचाओ” के इस फार्मूले को अच्छे से समझने की आवश्यकता है। अगर हम चाहें तो अपने छोटे-छोटे कार्यो द्वारा सैकड़ो गैलन पानी बचा सकते है। ऐसे ही कुछ तरीकों के विषय में यहां बताया गया है, जिन्हें हम अपने दैनिक जीवन में अपना सकते है।

  • हमें अपने दैनिक गतिविधियों के दौरान थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए जैसे कि हांथ धोते वक्त, मंजन करते वक्त, दाढ़ी बनाते वक्त पानी के नल को बंद कर देना चाहिए। ऐसा करके हम लदभग 160 गैलन पानी प्रतिमाह बचा सकते है।
  • नहाने के समय फुहारे के जगह बाल्टी तथा मग का इस्तेमाल करके भी हम काफी मात्रा में पानी बचा सकते है।
  • पौधों को दोपहर के जगह सुबह और शाम के समय पानी देना पानी बचाने के कार्य में एक अच्छा उपाय साबित हो सकता है, इसके साथ ही बरसात के मौसम में वृक्षारोपड़ करके हम पौधे लगाते समय खर्च होने वाले पानी को काफी कम कर सकते है।
  • हमें अपने घरों में किसी तरह के पानी के लीकेज को तत्काल रुप से ठीक कराना चाहिए, ताकि इससे होने वाली पानी की बर्बादी को रोका जा सके।
  • कार धोने के लिए पाईप के इस्तेमाल से काफी मात्रा में पानी नष्ट हो जाता है, इसलिए हमें इसके स्थान पर बाल्टी का उपयोग करना चाहिए।
  • वाशिंग मशीन और डिश वाशर का उपयोग करते समय हमें उन्हें पूर्ण रुप उनके अधिकतम क्षमता का उपयोग करना चाहिए तभी इनके द्वारा हम पानी का के बर्बादी को रोक सकते है।
  • अपने घरों में पानी के पुनरावृत्ति के लिए हमें हमेशा सही फैसला लेना चाहिए ताकि हमेशा जल संरक्षण के इस कार्य को किया जा सके और सही मात्रा में पानी को बचाया जा सके।

जल संरक्षण एक ऐसा कार्य है, जिसके द्वारा हम प्रकृति के साथ ही अपने भविष्य को भी सुरक्षित कर सकते है। जैसा कि हम जानते है पृथ्वी पर दिन-प्रतिदिन पानी का स्तर गिरता जा रहा है, जिसके कारण पर्यावरण भी काफी बुरे तरीके से प्रभावित होता जा रहा है। यह हमारे लिए काफी सहायक होगा यदि हम जल संरक्षण और जल की शुद्धता बनाये रखने के तरीकों के विषय में सीख ले। इसके द्वारा ना सिर्फ हम अपने जीवनस्तर में सुधार लायेंगे बल्कि अपने आने वाले पीढ़ीयों का भविष्य भी सुनिश्चित कर पायेंगे।

हमारे ग्रह पर उपलब्ध वर्तमान जल के स्थिति को देखते हुए, हमें जल का एक-एक कतरा बचाने की आवश्यकता है। जैसा कि हम जानते हैं कि हमारे ग्रह का 71 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है लेकिन इसमें से मात्र 3.5 प्रतिशत ही ताजा पानी है, जोकि हमारे पीने के लिए उपयुक्त है। इसलिए यह काफी आवश्यक है कि हम पानी की महत्वता को समझे और इसके संरक्षण के लिए प्रयास करें ताकि भविष्य में हमारे आने वाले पीढ़ीयों तक भी स्वच्छ जल की उपलब्धता बनी रहे।

जल बचाओ जीवन बचाओ और पृथ्वी बचाओ पर निबंध – 5 (600 शब्द)

पृथ्वी पर उपलब्ध सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों में से जल सबसे प्रमुख है क्योंकि इसका उपयोग मनुष्य, जीव-जन्तु, पेड़-पौधे जैसे सभी जीवित जीवों द्वारा किया जाता है। हमें हमारे हर दैनिक कार्य के लिए पानी की आवश्यकता होती है और इसके बिना हम जीवन की कल्पना भी नही कर सकते है। हमें पीने, खाना पकाने, नहाने, कपड़े धोने जैसे सभी कार्यों के लिए पानी की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही हमें कृषि, उत्पादन उद्योगों, विभिन्न प्रकार के रसायन उद्योगों, पावर प्लांट तथा कई अन्य औद्योगिक कार्यों के लिए पानी की आवश्यकता पड़ती है। परन्तु दुर्भाग्य से विश्व भर में पानी के कमी की समस्या विश्व भर में बढ़ती जा रही है।

जल बचाओ जीवन बचाओ पृथ्वी बचाओ

पृथ्वी पर उपस्थित सभी जीवों के लिए जल सबसे जरूरी वस्तु है। सभी जीवों को सुरक्षित और स्वस्थ जीवन के लिए पानी की आवश्यकता होती है। जैसे-जैसे जनसंख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जल का उपयोग भी बढ़ता जा रहा है। इसके अलावा शहरीकरण के कारण पेड़ो की संख्या भी तेजी से घटती जा रही है, जिसके कारण प्रदूषण, कई क्षेत्रों में सूखे, फसलों के नुकसान और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याओं में तेजी से वृद्धि होती जा रही है। इसलिए यह वह समय है जब हमें जल संरक्षण के कार्यों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि जीवन और पृथ्वी को भी बचाया जा सके।

पानी की कमी

हमने विश्व के विभिन्न भागो में पानी के कमी के कई सारी खबरें सुनी है। यहां हम बतायेंगे की आखिर पानी की कमी क्या और कैसे होती है। यह वह समस्या होती है जब स्वच्छ और ताजे पानी की काफी कमी हो जाती है। कुछ तथ्यों से पता चला है कि विश्व की एक तिहाई आबादी जो लगभग 2 अरब के करीब है, उसे वर्ष में करीब एक महीने पानी के कमी जैसी समस्या से जूझना पड़ता है। इसके साथ ऐसा अनुमान है कि लगभग 50 करोड़ लोगों को पूरे वर्ष पानी के कमी का सामना करना पड़ता है। अब इस बात की पुष्टि भी हो चुकी है कि साउथ अफ्रीका का केपटाउन शहर विश्व का वह पहला बड़ा शहर होगा जहां जल्द ही पानी खत्म हो जायेगा।

पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग पानी से ढका हुआ है, लेकिन फिर भी ऐसा क्यों है कि हमारे उपर यह गंभीर जल संकट मंडरा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि विश्व का लगभग 96.5 प्रतिशत पानी समुद्री पानी के रुप में मौजूद है, जोकि खारा होता है और हमारे सेवन के लिए उपयुक्त नही है, मात्र 3.5 प्रतिशत जल ही जो भूजल, ग्लेशियर, नदियों और झीलों के रुप में उपलब्ध है सिर्फ वहीं हमारे सेवन योग्य है। आबादी बढ़ने के कारण पानी के यह प्राकृतिक संसाधन तेजी से खत्म होते जा रहे है और इसके साथ ही पानी की बर्बादी, तेजी से हो रहे औद्योगिकरण और शहरीकरण के कारण जल का यह संकट और भी गहराता जा रहा है। भारत के कुछ हिस्सों तथा कुछ अन्य देशों में लोग पानी के गंभीर संकट से जूझ रहे है। जिसके कारण इन स्थानों पर सरकार को पानी के टैंकर द्वारा पानी उपलब्ध करवाना पड़ रहा है। भारत में 1951 से 2011 के बीच में प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता लगभग 70 प्रतिशत तक घट चुकी है तथा सन् 2050 तक इसमें 22 प्रतिशत और कमी होने की संभावना है।

विश्व जल दिवस

संयुक्त राष्ट्र द्वारा 22 मार्च के दिन को “विश्व जल दिवस” घोषित किया गया है, ताकि लोगों को ताजे पानी के महत्व और पृथ्वी पर इसके समाप्ति से उत्पन्न होने वाले समस्याओं के विषय मे समझाया जा सके। सन् 2018 के इस वर्ष में विश्व जल दिवस का थीम ‘प्रकृति के लिए जल’ रखा गया है, जिसका अर्थ 21 सदी में होने वाली पानी के समस्या के प्राकृतिक उपाय खोजने से है।

जल हमारा वह सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है, जिसकी जरूरत हर जीवित व्यक्ति को होती है। यदि हम कहते हैं कि जल ही जीवन है तो इसमें कुछ भी गलत नही है। इसलिए हमें जल संरक्षण पर बल देने की आवश्यकता है ताकि इसके द्वारा जीवन और पृथ्वी को भी बचाया जा सके। पीने योग्य पानी का अर्थ उस तरह के पानी के उपलब्धता से है जो हमारे पीने के लिए सुरक्षित और उपयुक्त हो। इसके साथ ही हमें अपने पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने तथा ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से निपटने के लिए भी हमें जल संरक्षण के विषय पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि स्वच्छ जल की गुणवत्ता ऐसे ही बने रहे तथा वह किसी प्रकार के रसायनों तथा कचरों से भी मुक्त रहे।

जल बचाओ जीवन बचाओ पर निबंध – 6 (1000 शब्द)

जैसा कि हम सब जानते है कि वायु के बाद जल हमारे ग्रह के सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों में से एक है। जल हमारे जीवनयापन के लिए काफी महत्वपूर्ण है, इसके बिना हम जीवन की कल्पना भी नही कर सकते हैं। हम सब जानते है कि पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग समुद्रों, महासागरों, नदियों और ग्लेशियरों के रुप में जल से ढका हुआ है लेकिन इसमें से मात्र 1 प्रतिशत ही मानव उपयोग के लिए उपयुक्त है।

जल ना सिर्फ मनुष्यों के जीवन के लिए आवश्यक है बल्कि की पृथ्वी पर मौजूद लगभग सभी प्रजातियां इस पर निर्भर करती है अगर इसे जैविक रुप से देखा जाये तो पानी में ऐसे कई गुण होते हैं जो वस्तुओं के साथ प्राकृतिक अभिक्रियाएं करती है। पृथ्वी पर उपस्थित लगभग सभी प्राणी अपने जीवन के लिए जल पर निर्भर है और जल की दिन-प्रतिदिन होती जा रही कमी तथा कई सारी प्रजातियों की इस पर निर्भरता को देखते हुए यह काफी आवश्यक है कि हम जल संरक्षण पर ध्यान दे।

जल ही जीवन है

जल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हमारे जीवनयापन के लिए बहुत ही आवश्यक है। इसके बिना जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है और यदि हमें पृथ्वी पर जीवन को बनाये रखना है तो इस बात में कोई संदेह नही है की हमें जल को भी बचाना होगा। हम पानी ना सिर्फ पीते हैं बल्कि की अपने दूसरे अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में भी इसे उपयोग में लाते है जैसे कि स्नान, खाना पकाने में, कपड़े धोने में, बागवानी और अन्य कई कार्यों में भी इसका दैनिक रुप से उपयोग करते है।

पृथ्वी पर उपस्थित पेड़-पौधे और जीव-जन्तु भी पूर्ण रुप से पानी पर निर्भर करते है और इसकी कमी इनके भी वृद्धि और विकास को प्रभावित करेगी जिससे पूरा पर्यावरण तंत्र और खाद्य श्रृंखला प्रभावित हो जायेगा। इसलिए यह काफी आवश्यक है कि हम पानी की बचत करके इसके पर्याप्त उपलब्धता को बनाये रखें ताकि पृथ्वी पर जीवन इसी प्रकार से फलता-फूलता रहे।

जल संरक्षण की आवश्यकता

विश्व के कई सारे हिस्से कम वर्षा के कमी और भूजल के गिरते स्तर के कारण पानी की भयंकर कमी से जूझ रहे है। कई सारे स्थानों पर भूजल या तो दूषित हो चुका है या फिर वर्षा के कमी के कारण उसकी पुनःपूर्ति नही हो पायी है। इन सभी कारणों से कई क्षेत्रों में पानी की कमी दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।

औद्योगिकरण और शहरीकरण के जैसे वजहों से भूजल के कमी में वृद्धि हुई है क्योंकि तेजी से होते विकास के कारण पानी की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। डब्लूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रति 9 व्यक्तियों में से एक व्यक्ति तथा लगभग 84.4 करोड़ लोगो आज भी शुद्ध पानी उपलब्ध नही हो पाया है। इन आकड़ों को देखने से पता चलता है कि अगर पानी की यह समस्या ऐसे ही बनी रही तो भविष्य में आने वाले इस गंभीर जल संकट को टाला नही जा सकता है। इसके लिए हमें अभी से प्रयास करते हुए जल संरक्षण के कार्य शुरु कर देने चाहिए ताकि इस महत्वपूर्ण संसाधन को हम अपने भविष्य के पीढ़ियों के लिए भी बचा सके।

जल संरक्षण की पहल

जल संरक्षण एक ऐसी पहल है, जिसका मकदस लोगों को जल संरक्षण के विषय में जागरुकता फैलाना तथा उन्हें जल के महत्व के विषय में बताना है ताकि लोग भविष्य के लिए इसका संरक्षण कर सके। जल संरक्षण अभियान लोगो को इस बात का अहसास दिलाता है कि हमारे पृथ्वी के लिए जल कितना महत्वपूर्ण है, जिससे की हम भविष्य के लिए इसका संरक्षण कर सके। जल संरक्षण अभियान के द्वारा लोगो को इस बात का ज्ञान दिया जाना चाहिए की स्वच्छ और साफ पानी के स्त्रोत काफी सीमित है और उनका अत्यधिक उपयोग करने पर वह समाप्त हो जायेंगे, जोकि मानव अस्तित्व के लिए भी संकट पैदा कर देगा।

हालांकि पृथ्वी का 71 प्रतिशत भाग पानी से ढका हुआ है, लेकिन प्रत्यक्ष रुप यह पानी से हमारे उपयोग के लिए उपयुक्त नही है। इसलिए हमारे पास पृथ्वी पर जो भी स्वच्छ पानी मौजूद है, हमें जितना हो सके उसका उतने अच्छे से उपयोग करना चाहिए। यह प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है कि अपने आने वाली पीढ़ीयों के सुरक्षा के लिए जल संरक्षण का कार्य करे।

अगर हम जीवन को बनाये रखने के लिए हर जगह ताजे पानी की उपलब्धता चाहते है तो हमें आज से जल संरक्षण के आदतों को अपना लेना चाहिए तभी आगे चलकर हम जल की उपलब्धता को बरकरार रख पायेंगे और सूखाग्रस्त क्षेत्रों में भी स्वच्छ जल उपलब्ध करा पायेंगे।

जल बचाओ जीवन बचाओ

जैसा कि हम सब जानते है कि जल ही जीवन है इसीलिए हर तरह का जीवन इसपर निर्भर करता है लेकिन आज भी भारत में 21 प्रतिशत बीमारियां गंदे पानी के उपयोग से पैदा होती है और साफ पानी की कमी के कारण यह समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। आज भी भारत में लगभग 16.3 करोड़ लोगों को पीने का सवच्छ और सुरक्षित पानी नही उपलब्ध है, जोकि तमाम तरह के बीमारियां को बढ़ाने के साथ ही घातक होता जा रहा है।

बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए हम इस बात का अनुमान लगा सकते हैं कि आने वाले समय में पीने के साफ पानी की मांग भी बढ़ेगी। यदि भारत का प्रत्येक नागरिक प्रतिदिन 1 लीटर पानी भी बचायेगा तो यह एक बड़ा बदलाव ला सकता है। आपका बचाया हुआ 1 लीटर यह पानी उस बच्चे को एक नया जीवन दे सकता है, जिसके पास पीने के स्वच्छ पानी की सुविधा नही है। इसके साथ ही आपके द्वारा बचाया हुआ पानी सूखाग्रस्त क्षेत्रों के लिए भी बहुत सहायक होगा। आप अपने इन छोटे कदमों द्वारा कई लोगों के जीवन में बड़े बदलाव आ सकते हैं।

जल सरंक्षण कैसे करें? (पानी कैसे बचाये)

यह तो हम सब ही जानते हैं कि जल, जीवन के समतुल्य है और यदि हम चाहते हैं कि पृथ्वी पर मानव जीवन बना रहे तो हमें जल बचाने के नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। इसी विषय में नीचे कुछ तरीके बताये गये हैं, जिनका पालन करके हम और भी अच्छे से जल संरक्षण कर सकते हैः

  • दाढ़ी बनाते समय और मंजन करते समय जब उपयोग ना हो तो पानी के नलों को अच्छे से बंद कर दे।
  • ऐसे फ्लशिंग सिस्टम का उपयोग किजिए, जो पानी की खपत कम करता हो।
  • नहाने के लिए फुहारे का उपयोग कम किजिए, इसके जगह मग और बाल्टी का उपयोग किजिए।
  • सिचाईं के लिए पानी भराई प्रणाली की जगह ड्रिप इरीगेशन प्रणाली का उपयोग किजिए।
  • अपने बगानों में शाम के समय पानी का छिड़काव करें और इसमें जरुरत से ज्यादे पानी की इस्तेमाल ना करें।
  • सार्वजनिक स्थलों पर खुले हुए पानी के नलों को बंद कर दे और यदि ऐसा ना हो पाये तो तात्कालिक रुप से इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को अवश्य दें।
  • अपने घरों और क्षेत्रों में वर्षाजल संरक्षण तंत्र की स्थापना करवायें।
  • आरओ फिल्टर से निकले हुए खराब पानी को व्यर्थ ना करें बल्कि की इसका उपयोग पौधों को सींचने और कपड़े धोने में करे।
  • टंकियों में पानी भरकर बहने से बचाने के लिए फ्लोट वाल्व लगवायें।

जल जीवन का आधार है, उदाहरण के लिए यदि आप किसी बर्तन में कुछ दिन के लिए पानी रख देंगे तो कुछ दिन बाद उसमें से कुछ ना कुछ अवश्य उग जायेगा। यह इस बात को प्रमाणित करता है कि आखिर किस प्रकार से जल जीवन के स्थापना में सहयोग करता है। चाहे वह मनुष्य हो, जीव-जन्तु हो या फिर पेड़-पौधे सभी का जीवन जल पर टिका हुआ है। यदि पानी उपलब्ध ना हो तो किसी प्रकार प्रकार के जीव के लिए थोड़े समय तक भी जिंदा रह पाना मुश्किल होगा। पृथ्वी का सबसे बुद्धिमान जीव होने के कारण हम मनुष्यों की यह जिम्मेदारी है कि हम किसी प्रकार से भी पानी की बर्बादी ना करें ताकि पृथ्वी पर हर तरह का जीवन बना रहे, जिससे हमारे ग्रह का पर्यावरण संतुलन इसी प्रकार से बना रहे।

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Essay on Inflation : छात्र ऐसे लिख सकते हैं मुद्रास्फीति पर निबंध

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  • Updated on  
  • अगस्त 26, 2024

Essay on Inflation in Hindi

अगर एक ब्रेड की कीमत एक साल में ₹40 से बढ़कर ₹44 हो जाती है, तो यह 10% की दर से मुद्रा स्फ़ीति का उदाहरण है। अगर छह महीने में पेट्रोल की कीमत ₹100 प्रति लीटर से बढ़कर ₹110 प्रति लीटर हो जाती है, तो यह ईंधन की कीमत में 10% की इंफ्लेशन को दर्शाता है। मुद्रास्फ़ीति को मापकर किसी भी देश की महंगाई दर को मापा जा सकता है। इंफ्लेशन को माप कर यह पता चलता है कि वस्तुओं और सेवाओं के लिए कीमतों का सामान्य स्तर कितना बढ़ रहा है। आसान शब्दों में प्रतिवर्ष विश्व में सेवाओं और वस्तुओं का दाम बढ़ता है जिसे इंफ्लेशन या मुद्रास्फ़ीति कहा जाता है। छात्रों को कई बार मुद्रास्फ़ीति पर परीक्षाओं व कक्षाओं में निबंध लिखने को दिया जाता है। Essay on Inflation in Hindi के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।

This Blog Includes:

इंफ्लेशन पर 100 शब्दों में निबंध, इंफ्लेशन पर 200 शब्दों में निबंध, इंफ्लेशन क्या होता है, इंफ्लेशन के प्रमुख कारण, इंफ्लेशन का प्रभाव.

Essay on Inflation in Hindi 100 शब्दों में इस प्रकार है:

पिछले कुछ दशकों में वैश्विक अर्थव्यवस्था में बहुत बदलाव आया है। इसका सीधा असर देशों के भीतर वस्तुओं और सेवाओं पर पड़ा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देशों की आर्थिक स्थिति में उतार-चढ़ाव आया है। किसी देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले दो प्रमुख कारक होते हैं जिनको डिफ्लेशन और इंफ्लेशन कहते हैं। डिफ्लेशन तब होती है जब वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें समय के साथ कम हो जाती हैं, जिससे मुद्रा की कीमत मजबूत हो जाती है और लोगों की क्रय शक्ति (पर्चेसिंग पावर) बढ़ जाती है। वहीं इंफ्लेशन तब होती है जब कीमतें बढ़ जाती हैं। इंफ्लेशन बढ़ने से आर्थिक शक्ति कम हो जाती है। इंफ्लेशन आर्थिक उतार-चढ़ाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो मैक्रोइकोनॉमिक और माइक्रोइकोनॉमिक दोनों फैक्टर्स को प्रभावित करती है। इससे विभिन्न परिणाम सामने आते हैं। सबसे महत्वपूर्ण परिणामों में से एक बेरोजगारी है।

Essay on Inflation in Hindi 200 शब्दों में नीचे दिया गया है-

जब वस्तुओं की मांग बढ़ती है लेकिन उपलब्ध समान की आपूर्ति पहले जैसी स्थिर रहती है तो मुद्रास्फ़ीति लोगों के लिए एक समस्या बन जाती है।यदि बहुत से ग्राहक हैं लेकिन आपूर्तिकर्ता कम होते हैं तो ऐसे समय में आपूर्तिकर्ता तालमेल नहीं रख पाते हैं। इससे माल की आय बढ़ती है लेकिन समान की डिलीवरी उतनी ही रहती है। इस प्रकार से होने वाले असंतुलन के कारण कच्चे माल और श्रम की लागत बढ़ जाती है। इसके परिणामस्वरूप आम जनता को होने वाला लाभ कम हो जाता है। जिससे संभावित रूप से कई व्यवसाय बंद हो सकते हैं। परिणामस्वरूप निर्माता आने वाले नए उपकरण या प्रौद्योगिकी में निवेश नहीं कर पाते हैं।

इससे बचने के लिए लोग बैंकों से अपना पैसा निकालकर उसे सोने जैसी लंबे समय तक चलने वाली संपत्ति में बदल देते हैं। इंफ्लेशन आर्थिक विकास को कम कर सकता है। इसका परिणाम इतिहास में आसानी से देखने को मिलता है जब इंफ्लेशन है तो किसी भी देश की आर्थिक स्थिति कमजोर होती जाती है।

इंफ्लेशन से निपटने के लिए उपायों में क्रेडिट कंट्रोल, करेंसी डिमोनिटाइजेशन, नई मुद्रा का लाना, अनावश्यक खर्च को कम करना, टैक्स में बढ़ावा, बचत को बढ़ावा देना, सरप्लस बजट और सार्वजनिक से लिया जाने वाला कर्ज शामिल होता है। फिसकल उपायों में उत्पादन को बढ़ाना, नई वेतन नीतियों को लागू करना, मूल्य नियंत्रण और राशनिंग शामिल होती हैं। विभिन्न आर्थिक संकट अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करते हैं, और इंफ्लेशन ने भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी प्रभावित किया है। जब वैश्विक खाद्य व्यापार प्रणालियाँ विफल होती हैं, तो गरीबों को इसकी कीमत चुकानी पड़ती है। इससे वैश्विक खाद्य व्यापार को भी बहुत नुकसान होता है।

इंफ्लेशन पर 500 शब्दों में निबंध 

इंफ्लेशन पर 500 शब्दों में निबंध (Essay on Inflation in Hindi) नीचे दिया गया है-

इंफ्लेशन एक फंडामेंटल इकोनॉमिक कांसेप्ट है। किसी भी देश के इंफ्लेशन व्यक्तिगत उपभोक्ताओं से लेकर बड़े निगमों और सरकार तक सभी को प्रभावित करती है। इंफ्लेशन एक प्रकार की दर है जिसमें वस्तुओं और सेवाओं के लिए कीमतों का सामान्य स्तर बढ़ता है। इसके परिणामस्वरूप लोगों को किसी भी वस्तु को लेने के लिए पहले से अधिक पैसा देना पड़ता है। वहीं जैसे-जैसे वस्तुओं की कीमतें बढ़ती हैं, वैसे वैसे आपके पैसे से पहले की तुलना में कम वस्तुओं को खरीदा जा सकता है। यह किसी भी देश की आर्थिक स्थिरता और उसके नागरिकों की आर्थिक स्थिति को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती है। इंफ्लेशन को समझना हम सभी के महत्वपूर्ण है। यह दैनिक जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करती है, जिसमें जीवन यापन की लागत, बचत, निवेश और मजदूरी भी शामिल है।  

इंफ्लेशन अर्थशास्त्र में सबसे प्रसिद्ध शब्दों में से एक है। इसने कई देशों में लंबे समय तक अस्थिरता पैदा की है। सेंट्रल बैंकर इंफ्लेशन पर अपने सख्त रुख के लिए पहचाने जाने का प्रयास करते हैं जिन्हें “इंफ्लेशन हॉक्स” के रूप में जाना जाता है। आसान शब्दों में समझें तो इंफ्लेशन वह दर है जिस पर समय अवधि में कीमतें बढ़ती हैं। इसे आमतौर पर व्यापक रूप से मापा जाता है, जैसे कीमतों में समग्र वृद्धि या किसी देश में रहने की लागत में वृद्धि कितनी हुई है। इसे विशेष रूप से विशेष वस्तुओं जैसे भोजन या सेवाओं, रेस्टोरेंट में खाना खाने या अन्य सेवा लेने के संदर्भ में भी उपयोग किया जा सकता है। इससे यह समझा जा सकता है कि इन चीज़ों में कितनी वृद्धि हुई है। संदर्भ चाहे जो भी हो इंफ्लेशन यह दर्शाती है कि एक निश्चित समय, आम तौर पर एक वर्ष में वस्तुओं या सेवाओं का एक सेट कितना महंगा हो गया है।

पैसे की आपूर्ति में वृद्धि इंफ्लेशन का मुख्य कारण है। यह किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के भीतर विभिन्न तरीकों से हो सकता है। क्योंकि जनता के पास पैसे की अधिक उपलब्धि से इंफ्लेशन बढ़ने की संभावना भी बढ़ती है इसका मुख्य कारण यह है कि लोगों के पास अधिक पैसे आने से वस्तुओं और सेवाओं की मांग बढ़ती है जिससे उनकी कीमत में वृद्धि हो जाती है। इसलिए सरकार रिसेशन के समय देश की मुद्रा को मजबूत रखने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर देते हैं   

कई बार देश अपने बैंकों में अधिक मुद्रा छापकर और नागरिकों को वितरित करते हैं। कई बार मुद्रा के मूल्य को कानूनी रूप से कम किया जाता है। कई बार देशों द्वारा मुद्रा के मूल्य को कानूनी रूप से कम करके भी किया जाता है। बैंकों से सरकारी बॉन्ड खरीदकर बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से नया पैसा बनाना, रिजर्व खातों में पैसा जोड़ना भी इसमें शामिल हैं। इंफ्लेशन उत्पन्न करने वाले अन्य कारकों में आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और आवश्यक वस्तुओं की कमी भी शामिल है, जो उनकी कीमतों को बढ़ा सकती है।

इंफ्लेशन उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति को कम करती है, जिससे समय के साथ एक निश्चित राशि से कम समान खरीदा जा सकता है। चाहे इंफ्लेशन दर 2% हो या 4%, उससे क्रय शक्ति कम हो जाती है। बस उच्च दरों पर अधिक तेज़ी से कम होती है। इंफ्लेशन को कंज्यूमर प्राइस इंडैक्स द्वारा मापा जाता है।

कम आय वाले उपभोक्ता जो ज़रूरतों पर ज़्यादा खर्च करते हैं, इंफ्लेशन से ज़्यादा प्रभावित होते हैं। अस्थिर खाद्य और ऊर्जा कीमतों को छोड़कर, कोर इंफ्लेशन अक्सर इस प्रभाव को नज़रअंदाज़ कर देती है। कम आय वाले लोगों के पास रियल एस्टेट जैसी संपत्ति होने की संभावना कम होती है, जो इंफ्लेशन के खिलाफ़ बचाव कर सकती है।

मॉडरेट इंफ्लेशन एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था का संकेत देती है, लेकिन उच्च इंफ्लेशन बढ़ती उम्मीदों और वेज-प्राइस स्पाइरल को जन्म दे सकती है। अधिक इंफ्लेशन के लिए खराब नीतिगत प्रतिक्रियाओं के परिणामस्वरूप हाइपरइन्फ्लेशन हो सकता है। हाइपरइन्फ्लेशन कीमतों में अत्यंत तीव्र और अनियंत्रित वृद्धि है, जो प्रायः प्रति माह 50% से अधिक होती है। मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए, केंद्रीय बैंक अक्सर ब्याज दरें बढ़ाते हैं, जिससे उधार लेने की लागत बढ़ती है और बचत को बढ़ावा मिलता है। उच्च ब्याज दरें आर्थिक गतिविधि और जोखिम लेने पर अंकुश लगाती हैं, जिससे इंफ्लेशन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

इंफ्लेशन निश्चित दर वाले ऋण लेने वालों को लाभ पहुँचाती है। इंफ्लेशन छोटी अवधि में विकास और रोजगार को बढ़ाती है। इंफ्लेशन व्यय और निवेश को प्रोत्साहित करके आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकती है, जिससे रोजगार सृजन होता है।

इंफ्लेशन के कारणों और परिणामों को समझना किसी भी व्यक्ति के लिए इन्फॉर्म्ड डिसीजन लेने और प्रभावी आर्थिक नीतियों को विकसित करने के लिए आवश्यक है। जैसा कि इतिहास में हमने देखा है, हाइ इंफ्लेशन और डिफ्लेशन दोनों ही नुकसानदायक हो सकते हैं। इस वजह संतुलन बनाए रखने के लिए सावधानीपूर्वक आर्थिक प्रबंधन की आवश्यकता होती है। इंफ्लेशन और इसके प्रभावों के बारे में जानकारी रखने से, व्यक्ति और नीति निर्माता इससे उत्पन्न चुनौतियों का बेहतर तरीके से सामना कर सकते हैं और स्थायी आर्थिक विकास और स्थिरता की दिशा में काम कर सकते हैं।

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एक बाज़ार अर्थव्यवस्था में, वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें हमेशा बदल सकती हैं। कुछ कीमतें बढ़ती हैं; कुछ कीमतें गिरती हैं। मुद्रास्फीति तब होती है जब वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में व्यापक वृद्धि होती है, न कि केवल व्यक्तिगत वस्तुओं की; इसका मतलब है, आप कल की तुलना में आज 1 से कम में खरीदारी कर सकते हैं।

इंफ्लेशन को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक द्वारा मापा जाता है, और कम दरों पर, यह अर्थव्यवस्था को स्वस्थ रखता है। लेकिन जब इंफ्लेशन की दर तेजी से बढ़ती है, तो इसका परिणाम कम क्रय शक्ति, उच्च ब्याज दरें, धीमी आर्थिक वृद्धि और अन्य नकारात्मक आर्थिक प्रभाव हो सकता है। 

आधुनिक समय में इंफ्लेशन को नियंत्रित करने का पसंदीदा तरीका देश के केंद्रीय बैंक द्वारा लागू की गई संकुचनकारी मौद्रिक नीतियों के माध्यम से है। विकल्प कीमतों पर एक सीमा है, जिसका सफलता का बहुत अच्छा रिकॉर्ड नहीं है। किसी भी मामले में, नरम लैंडिंग को खींचना मुश्किल है।

कोर इंफ्लेशन वस्तुओं और सेवाओं की लागत में परिवर्तन है, लेकिन इसमें खाद्य और ऊर्जा क्षेत्र की लागत शामिल नहीं है। खाद्य एवं ऊर्जा की कीमतें इस गणना से मुक्त हैं, क्योंकि उनकी कीमतें बहुत अस्थिर हो सकती हैं या उनमें अत्यधिक उतार-चढ़ाव हो सकता है।

आशा है कि आपको इस ब्लाॅग में Essay on Inflation in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य निबंध पर ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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